
जहां फिल्मी दुनिया की कई एक्ट्रेस पर्दे पर पुलिस के किरदार में नजर आने के लिए ट्रेनिंग लेती हैं, वहीं सिमाला असल जिंदगी में एक पुलिस अधीक्षक हैं। वे मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में तैनात हैं। सिमाला ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत साल 2016 में फिल्म ‘अलिफ’ से की थी, जिसमें उनके गंभीर और सादगी भरे अभिनय की सराहना हुई थी। इसके बाद वे 2019 में आई फिल्म ‘नक्काश’ में नजर आईं, जिसमें उन्होंने दिग्गज कलाकारों कुमुद मिश्रा, शारिब हाशमी और राजेश शर्मा के साथ स्क्रीन साझा की।
अब सिमाला एक बार फिर चर्चा में हैं अपनी नई फिल्म ‘द नर्मदा स्टोरी’ को लेकर, जिसमें वे एक मजबूत जांच अधिकारी की भूमिका निभा रही हैं। यह फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित एक पुलिस ड्रामा थ्रिलर है। खास बात यह है कि फिल्म की शूटिंग मध्य प्रदेश में ही हुई है और इसमें पुलिस बल के असली अनुभवों को फिल्म के जरिए सामने लाया गया है। फिल्म का निर्देशन जैगम इमाम ने किया है, जो उनकी पिछली दोनों फिल्मों के भी निर्देशक रह चुके हैं।
भोपाल में जन्मी सिमाला का पारिवारिक बैकग्राउंड भी बेहद प्रभावशाली रहा है। उनके पिता डॉ. भागीरथ प्रसाद 1975 बैच के IAS अधिकारी रहे हैं और पूर्व सांसद भी रह चुके हैं। वहीं उनकी मां मेहरुन्निसा परवेज, एक प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं जिन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया जा चुका है। सिमाला ने अपने प्रशासनिक करियर की शुरुआत MPPSC पास कर डीएसपी पद से की थी, और बिना किसी कोचिंग के उन्होंने पहले ही प्रयास में UPSC CSE 2010 में AIR 51 हासिल कर आईपीएस बनीं।
सिमाला सिर्फ प्रशासन और अभिनय में ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी सक्रिय रहती हैं। सरकारी आयोजनों में वे नृत्य और नाट्य प्रस्तुतियों में भाग लेकर अपनी रचनात्मकता को भी जीती हैं। उनका मानना है कि "एक इंसान को खुद को एक ही पहचान तक सीमित नहीं रखना चाहिए।"