Success Story: विदेश छोड़ सृष्टि मिश्रा लौटी भारत, यूपीएससी एग्जाम क्रैक कर बनी IPS अफसर 
 
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Success Story: IPS Srishti Mishra की सफलता की कहानी एक ऐसी प्रेरणा है, जो बताती है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो असफलता भी सफलता की सीढ़ी बन जाती है। उन्होंने न केवल अपने पिता का सपना पूरा किया, बल्कि उन तमाम युवाओं के लिए उदाहरण भी बनीं जो बार-बार की असफलताओं से हार मान लेते हैं।

पिता का सपना, बेटी का समर्पण

Srishti Mishra का जन्म एक शिक्षित परिवार में हुआ। उनके पिता आदर्श मिश्रा, विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) में अंडर सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत हैं, और मां एक होममेकर हैं। सृष्टि की परवरिश ऐसे माहौल में हुई जहां शिक्षा को सर्वोपरि माना गया। जब उनके पिता दक्षिण अफ्रीका में पोस्टेड थे, तब सृष्टि ने वहीं से अपनी प्रारंभिक पढ़ाई की। बाद में वे भारत लौटीं और दिल्ली के प्रतिष्ठित लेडी श्री राम कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया।

विदेश से लौटकर UPSC की राह

सृष्टि विदेश में एक आरामदायक जीवन जी रही थीं, लेकिन जब उन्होंने अपने पिता के IPS बनने के सपने को अपना बनाया, तो उन्होंने सब कुछ छोड़कर भारत लौटने का फैसला किया। उन्होंने तय कर लिया कि वे UPSC परीक्षा पास करेंगी और एक सिविल सेवक बनेंगी।

पहली असफलता, लेकिन डगमगाए नहीं

UPSC की तैयारी शुरू करने के बाद, सृष्टि ने जब पहली बार परीक्षा दी, तो वे प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाईं। यह उनके लिए बड़ा झटका था, खासकर तब जब वे इस उद्देश्य से ही भारत लौटी थीं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। न ही कोई बहाना बनाया। उन्होंने खुद की कमियां पहचानीं, उन्हें सुधारा, और पूरी ईमानदारी व अनुशासन के साथ दोबारा तैयारी में जुट गईं।

दूसरे प्रयास में मिली सफलता

दूसरे प्रयास में, सृष्टि ने शानदार प्रदर्शन किया और 95वीं रैंक हासिल कर 2023 बैच की IPS अधिकारी बनीं। उनकी इस सफलता ने न सिर्फ उनके परिवार का सपना पूरा किया, बल्कि उन्हें हजारों युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत भी बना दिया।

पढ़ाई का रूटीन और स्ट्रैटेजी

सृष्टि का कहना है कि उन्होंने रोजाना 8-10 घंटे की पढ़ाई की। उन्होंने न सिर्फ सामान्य अध्ययन (GS) पर ध्यान दिया, बल्कि आंसर राइटिंग, करंट अफेयर्स और इंटरव्यू की तैयारी को भी बराबर महत्व दिया। उनके पिता का मार्गदर्शन और मानसिक समर्थन उन्हें लगातार प्रेरित करता रहा।