चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल की जेड प्लस सुरक्षा में गंभीर चूक का मामला सामने आया है। बुधवार देर रात पंजाब भवन के मुख्य गेट पर ताला लगा होने के कारण दोनों नेताओं का काफिला 15 मिनट तक राजधानी के संवेदनशील क्षेत्र में रुका रहा। इस मामले की चंडीगढ़ पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
संवेदनशील इलाके में रुका वीआईपी काफिला
जिस स्थान पर मुख्यमंत्री नायब सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल का काफिला रुका, वहां से कुछ ही दूरी पर हरियाणा और पंजाब के सीएम आवास, विधानसभा, सचिवालय और पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट स्थित हैं। इसके अलावा, पास में एमएलए हॉस्टल भी मौजूद है। ऐसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में सुरक्षा में चूक होना गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
कैसे हुई सुरक्षा में चूक?
- रात 11:30 बजे केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल को हरियाणा निवास जाना था।
- मुख्यमंत्री नायब सैनी भी उन्हें छोड़ने के लिए साथ रवाना हुए।
- पंजाब भवन के आगे वाला गेट बंद था, जिसकी चाबी पंजाब भवन के गार्ड के पास थी।
- गार्ड को पहले से सूचना नहीं थी, जिसके चलते वह गेट पर मौजूद नहीं था।
- 15 मिनट तक काफिला सड़क पर खड़ा रहा, जिसके बाद गार्ड को तलाश कर बुलाया गया।
- गेट खुलने के बाद ही दोनों नेता हरियाणा निवास के लिए रवाना हो सके।
चंडीगढ़ पुलिस की लापरवाही पर उठे सवाल
इस मामले के बाद सवाल उठ रहा है कि चंडीगढ़ पुलिस ने सीएम और केंद्रीय मंत्री के रूट को पहले से क्लियर क्यों नहीं किया? चंडीगढ़ एक उच्च सुरक्षा क्षेत्र है और वीआईपी मूवमेंट के दौरान ऐसी चूक चिंताजनक है।
पंजाब और हरियाणा में तालमेल की कमी
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि गेट बंद होने के कारण उन्हें और मनोहर लाल को बाहर इंतजार करना पड़ा। संयुक्त बैठक में यह सामने आया कि गेट पर ताला पंजाब प्रशासन की ओर से लगाया गया था और यह तालमेल की कमी के कारण हुआ। पंजाब के मुख्यमंत्री ने सुरक्षा को और मजबूत करने का आश्वासन दिया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
चंडीगढ़ में वीआईपी सुरक्षा में दूसरी बड़ी चूक
यह चंडीगढ़ में वीआईपी सुरक्षा में पहली चूक नहीं है। दो दिन पहले केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू की सुरक्षा में भी सेंध लगी थी। बिट्टू को भी जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त है और वे पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से मिलने जा रहे थे।
क्या होगा आगे?
- चंडीगढ़ पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
- हरियाणा और पंजाब प्रशासन के बीच समन्वय को बेहतर बनाने के लिए नए सुरक्षा प्रोटोकॉल पर विचार किया जाएगा।
- संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाई जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी चूक न हो।