भारतीय रेलवे ने प्रमोशन प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। नए नियमों के तहत मुख्य वाणिज्य/टिकट पर्यवेक्षक (CCTC) पद के लिए लिखित परीक्षा देना अनिवार्य होगा, जबकि सहायक वाणिज्य प्रबंधक (ACM) पद पर प्रमोशन वरिष्ठता के आधार पर दिया जाएगा। रेलवे के इस निर्णय से कर्मचारियों में असंतोष बढ़ गया है, क्योंकि एक ही विभाग के दो पदों के लिए अलग-अलग नियम लागू किए गए हैं।
रेलवे कर्मचारियों में बढ़ा विरोध
रेलवे कर्मचारियों ने इस फैसले के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है। उनका कहना है कि यदि ACM पद के लिए पहले परीक्षा की अनिवार्यता थी, तो अब इसे हटाने का क्या तर्क है? वहीं, CCTC पद के लिए परीक्षा की अनिवार्यता कर्मचारियों को अनुचित लग रही है। कर्मचारी इस मामले को लेकर एनआरएमयू (NRMU) और यूआरएमयू (URMU) यूनियनों से बातचीत करने की योजना बना रहे हैं, ताकि रेलवे बोर्ड पर दबाव बनाया जा सके।
रेलवे बोर्ड का नया आदेश
रेलवे बोर्ड ने 3 फरवरी 2024 को एक नया पत्र जारी किया, जिसमें प्रमोशन के नए नियम स्पष्ट किए गए:
- ग्रुप बी पदों के लिए 70% पद वरिष्ठता के आधार पर भरे जाएंगे।
- सभी योग्य और इच्छुक कर्मचारियों को कोई संख्या सीमा तय किए बिना प्रमोशन के लिए विचार किया जाएगा।
- वरिष्ठता के आधार पर उम्मीदवारों का मूल्यांकन उनके सेवा रिकॉर्ड और मौखिक साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा।
- अधिकारी की कार्य कुशलता रिपोर्ट भी प्रमोशन में अहम भूमिका निभाएगी।
उत्तर रेलवे ने जारी किए CCTC प्रमोशन के नियम
उत्तर रेलवे ने CCTC पदों को भरने के लिए 10% एलडीसीई कोटा निर्धारित किया है। इसके तहत:
- 75% पद वरिष्ठता सूची के आधार पर भरे जाएंगे।
- प्रमोशन के लिए आवेदन करने वाले कर्मचारियों का स्नातक (Graduate) होना अनिवार्य है।
- अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष तय की गई है।
- चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा और मौखिक साक्षात्कार शामिल होगा।
रेलवे अधिकारियों की सफाई
अंबाला मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक नवीन कुमार ने कहा कि रेलवे बोर्ड द्वारा जारी किए गए प्रमोशन नियमों में पूरी पारदर्शिता बरती जाती है।
- कुछ पदों पर परीक्षा के आधार पर प्रमोशन दिया जाता है, तो कुछ पदों पर वरिष्ठता के आधार पर।
- प्रमोशन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की धांधली की संभावना नहीं रहती।
भारतीय रेलवे के इस नए प्रमोशन नियम से ACM और CCTC पदों के लिए अलग-अलग प्रक्रिया लागू हो गई है। जहां ACM के प्रमोशन के लिए केवल वरिष्ठता देखी जाएगी, वहीं CCTC पद के लिए लिखित परीक्षा देनी होगी। कर्मचारियों में इस फैसले को लेकर असंतोष बढ़ रहा है, और यूनियनें रेलवे बोर्ड से पुनर्विचार की मांग कर सकती हैं।