
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा मंजूर किए गए इन अतिरिक्त घरों का निर्माण 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में होगा। इनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, तमिलनाडु, ओडिशा, गुजरात, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, मेघालय और पुडुचेरी शामिल हैं। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि योजना न केवल आवास की जरूरत पूरी करती है, बल्कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देकर उन्हें सशक्त भी बनाती है। घरों का स्वामित्व महिला मुखिया के नाम या संयुक्त स्वामित्व में ही दिया जाता है।
यह योजना 1 सितंबर 2024 से लागू हुई है और अगले पांच वर्षों में एक करोड़ परिवारों को पक्का घर देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सरकार ने 2.5 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता निर्धारित की है। योजना के चार प्रमुख वर्टिकल्स हैं – बेनिफिशियरी लेड कंस्ट्रक्शन (BLC), अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप (AHP), अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग (ARH) और इंटरेस्ट सब्सिडी स्कीम (ISS)। खासकर ISS के तहत पात्र लाभार्थियों को होम लोन पर रियायती ब्याज दर का लाभ मिलता है।