यह नई व्यवस्था नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की पहल पर लागू की जा रही है। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने नई दिल्ली में आयोजित भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के एक सम्मेलन में कहा कि इस कदम का उद्देश्य देशभर में हाईवे प्रोजेक्ट्स की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
हाईवे पर लगेंगे QR कोड वाले बोर्ड
NHAI ने 3 अक्टूबर को घोषणा की थी कि सभी हाईवे प्रोजेक्ट्स के साथ जानकारी वाले बोर्ड लगाए जाएंगे, जिनमें क्विक रिस्पॉन्स (QR) कोड होंगे। यात्रियों को इन कोड्स को स्कैन करने पर प्रोजेक्ट का नाम, निर्माण एजेंसी, जिम्मेदार अधिकारी और इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर की जानकारी प्राप्त होगी।
गडकरी ने बताया कि इस सिस्टम से हाईवे प्रोजेक्ट से जुड़ी हर जानकारी लोगों तक तुरंत पहुंच सकेगी। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि सड़क से जुड़ी किसी समस्या या असुविधा के लिए जिम्मेदार व्यक्ति की पहचान भी की जा सकेगी।
जिम्मेदार ठेकेदारों और अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
गडकरी ने स्पष्ट कहा कि सरकार हाईवे प्रोजेक्ट्स का परफॉर्मेंस ऑडिट कर रही है और किसी भी लापरवाही पर जिम्मेदार ठेकेदारों या अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि ठेकेदारों को प्रोजेक्ट साइन करते समय 10 साल की जिम्मेदारी लेनी होती है। अगर सड़क में खामी आती है, तो अधिकारी और ठेकेदार दोनों को जवाब देना होगा।
“तीन P” नीति पर काम कर रही सरकार
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सड़क मंत्रालय तीन P यानी People, Prosperity और Pollution Control के सिद्धांतों पर काम कर रहा है। गडकरी ने कहा कि सड़क मंत्रालय की वर्तमान सालाना आमदनी 55,000 करोड़ रुपये है, जो अगले दो वर्षों में बढ़कर 1.4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
