New Highway: यूपी के इन 78 गांवों के किसान हो जाएंगे मालामाल, बनेगा ये नया हाईवे 
 
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New Highway: उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। कानपुर-कबरई ग्रीनफील्ड हाईवे के निर्माण कार्य की तैयारी अब अंतिम चरण में है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने संकेत दिए हैं कि इस हाइवे का निर्माण कार्य मार्च 2025 में शुरू हो जाएगा। यह हाइवे न सिर्फ यूपी के कानपुर को एमपी के कबरई से जोड़ेगा, बल्कि लखनऊ और भोपाल के बीच यात्रा को भी काफी आसान बना देगा।

कानपुर से कबरई तक 118 किमी लंबा एक्सेस-कंट्रोल्ड हाइवे

यह प्रस्तावित ग्रीनफील्ड हाइवे कानपुर नगर के रमईपुर गांव से शुरू होकर हमीरपुर और महोबा होते हुए मध्य प्रदेश की सीमा से लगते कबरई तक बनेगा। करीब 118 किलोमीटर लंबा यह एक्सेस कंट्रोल्ड फोर-लेन हाइवे सीमित एंट्री पॉइंट्स के साथ तैयार किया जाएगा, जिससे यातायात तेज और सुरक्षित रहेगा।

इकोनॉमिक कॉरिडोर से जुड़ेगा भोपाल तक का रास्ता

रिपोर्ट्स के अनुसार, कबरई से आगे यह ग्रीनफील्ड हाइवे एमपी के छतरपुर से भोपाल तक बनने वाले इकोनॉमिक कॉरिडोर से जुड़ जाएगा। इससे यूपी और एमपी के बीच औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी।

हाइवे के निर्माण के लिए नए ग्रामीण इलाकों को जोड़ा जाएगा ताकि विकास उन क्षेत्रों तक पहुंचे जहां अब तक सड़क कनेक्टिविटी सीमित रही है।

3700 करोड़ की लागत से बनेगा हाईवे

कानपुर-कबरई ग्रीनफील्ड हाईवे परियोजना की कुल लागत लगभग 3700 करोड़ रुपये होगी। यह हाईवे कानपुर, हमीरपुर और महोबा जिलों से होकर गुजरेगा। इस परियोजना के तहत करीब 78 गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। सरकार का कहना है कि इस हाइवे से न केवल सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी बल्कि बुंदेलखंड क्षेत्र के औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

जाम से राहत और सफर में तेजी

ग्रीनफील्ड हाइवे के बन जाने से यूपी और एमपी के कई जिलों का सफर आसान और तेज होगा। यह मार्ग कानपुर नगर, कानपुर देहात, हमीरपुर और महोबा को जोड़ते हुए एमपी के छतरपुर, सागर और विदिशा होते हुए भोपाल तक जाएगा। इसके बनने से लोगों को जाम के जंजाल से निजात मिलेगी और माल परिवहन में भी सुविधा बढ़ेगी।

ग्रामीण विकास और औद्योगिक कनेक्टिविटी को मिलेगा बढ़ावा

एनएचएआई अधिकारियों के अनुसार, ग्रीनफील्ड हाइवे का उद्देश्य घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों को बायपास कर ग्रामीण इलाकों में विकास की रफ्तार बढ़ाना है। इसके बनने से न केवल औद्योगिक निवेश के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि स्थानीय युवाओं को भी रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।