New Expressway: लखनऊ से कानपुर का सफर 40 मिनट में होगा पूरा, जल्द शुरू होगा ये नया एक्स्प्रेसवे 
 
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New Expressway: उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख शहरों लखनऊ और कानपुर के बीच यात्रा अब और आसान तथा तेज होने जा रही है। लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है, और उम्मीद है कि यह 15 दिसंबर तक चालू कर दिया जाएगा। इस नए एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद लखनऊ से कानपुर का सफर सिर्फ 40 मिनट में पूरा किया जा सकेगा।

63 किलोमीटर लंबा हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे

कुल 63 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे में से 45 किलोमीटर हिस्सा ग्रीनफील्ड और 18 किलोमीटर हिस्सा लखनऊ में एलिवेटेड बनाया गया है। एलिवेटेड सेक्शन का लगभग 98% काम पूरा हो चुका है। फिलहाल केवल स्कूटर इंडिया चौराहे के पास बिजली की कुछ लाइनों को शिफ्ट करने का काम चल रहा है। जैसे ही यह पूरा होगा, एक्सप्रेसवे कानपुर रोड से पूरी तरह जुड़ जाएगा।

बिजली के टावर हटाने के बाद मिलेगा क्लियर रूट

अधिकारियों के अनुसार, स्कूटर इंडिया के पास स्थित दो बिजली टावरों में से एक को हटाया जा चुका है, जबकि दूसरा भी जल्द हट जाएगा। इसके बाद परीक्षण और सफाई कार्य पूरे करके एक्सप्रेसवे को ट्रैफिक के लिए खोल दिया जाएगा।

यात्रियों के लिए वैकल्पिक रूट भी तैयार

कानपुर जाने वाले यात्रियों के लिए एक दूसरा वैकल्पिक मार्ग भी तैयार किया गया है। यह रास्ता गदनखेड़ा चौराहा से उन्नाव-लालगंज हाईवे होते हुए कोरारी इंटरचेंज तक जाता है, जो आगे लखनऊ को जोड़ता है।

आईटी सिटी और किसान पथ क्षेत्र में तेजी से विकास

आईटी सिटी और किसान पथ के बीच दो किलोमीटर लंबी नई सड़क बनाई जा रही है, जिस पर लगभग 5 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस परियोजना का टेंडर पूरा हो चुका है और कार्य जल्द शुरू होने वाला है।

लैंड पूलिंग से किसानों को फायदा

विकास प्राधिकरण द्वारा लैंड पूलिंग योजना के तहत मोहनलालगंज तहसील के 11 गांवों की जमीन ली गई है। अब तक 117 किसानों ने 550 बीघा से अधिक जमीन दी है। बदले में किसानों को उनकी जमीन के एक-चौथाई हिस्से के बराबर प्लॉट दिए जाएंगे। नवंबर के अंत तक लॉटरी के जरिए सेक्टर-5 में प्लॉट आवंटन किया जाएगा।

स्थानीय विकास को मिलेगा नया आयाम

एक्सप्रेसवे के चालू होने से जहां लखनऊ-कानपुर के बीच आवागमन तेज और सुगम होगा, वहीं इसके आसपास के इलाकों — खासकर आईटी सिटी और ग्रामीण क्षेत्रों — में तेजी से विकास देखने को मिलेगा। इससे स्थानीय लोगों और किसानों दोनों को आर्थिक लाभ मिलने की उम्मीद है।