Haryana News: हरियाणा के 22 जिलों में 4 बजे से होगी मॉक ड्रिल, इतने बजे तक बंद रहेंगी सभी लाइटें
May 7, 2025, 15:38 IST
Haryana News: हरियाणा के सभी 22 जिलों में आज सायं 4.00 बजे से मॉक ड्रिल की जाएगी। इसके दृष्टिगत, आमजन से अनुरोध किया गया है कि वे सायं 7.50 बजे से 8.00 बजे तक अपने घरों की सभी लाइटें बंद कर दें। मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी ने आज ‘ऑपरेशन अभ्यास’ के तहत होने वाली मॉक ड्रिल की व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान, श्री रस्तोगी ने मॉक ड्रिल के संचालन सम्बन्धी पहलुओं के बारे में सभी उपायुक्तों और पुलिस अधिकारियों को व्यापक निर्देश जारी किए। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह अभ्यास प्रमुख सरकारी प्रतिष्ठानों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर शुरू होगा। उपायुक्तों को इस समन्वित प्रतिक्रिया के भाग के तौर पर अपनी नागरिक सुरक्षा प्रणालियों को सक्रिय करने के निर्देश दिए गए हैं। मॉक ड्रिल में होमगार्ड, सिविल डिफेंस वालंटियर, पुलिस, एनसीसी अधिकारी और आपदा मित्र शामिल होंगे। मुख्य सचिव ने दोहराया कि इस अभ्यास का उद्देश्य तैयारी और एहतियात बरतना है, न कि घबराहट बढ़ाना। उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जनता को यह बताएं कि यह केवल एक तैयारी को लेकर की जा रही कवायद है। लोगों को आश्वस्त करें कि चिंता का कोई कारण नहीं है। मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को ये भी निर्देश दिए कि वे लोगों को इस बात के लिए प्रोत्साहित करें कि वे अपने क्षेत्र में किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट तुरंत पुलिस और स्थानीय अधिकारियों को करें। उन्होंने कहा ड्रिल के दौरान ‘क्या करें और क्या न करें’ के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी के प्रसार में मदद करने के लिए सामुदायिक नेताओं और प्रमुख स्थानीय हस्तियों को भी शामिल किया जाना चाहिए।
गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि वैसे तो सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल हरियाणा के 11 जिलों के लिए अनिवार्य थी, लेकिन तैयारियों को मजबूत करने के लिए, प्रदेश के सभी जिलों में मॉक ड्रिल की जाएगी, जो सायरन बजने के साथ शाम 4 बजे शुरू होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत जिला और राज्य, दोनों स्तरों पर घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस) को औपचारिक रूप से लागू कर दिया है। 28 जनवरी, 2025 को अधिसूचित इस पहल का उद्देश्य प्रतिक्रिया तंत्र को सुव्यवस्थित करना, आपातकालीन स्थितियों के दौरान भ्रम को कम करना और तदर्थ उपायों पर निर्भरता को कम करना है। आईआरएस संरचना के भाग के तौर पर, मुख्य सचिव जिम्मेदार अधिकारी (आरओ) के रूप में काम करेंगे जबकि वित्त आयुक्त राजस्व (एफसीआर) और अतिरिक्त मुख्य सचिव, राजस्व को इनसीडेंट कमांडर (आईसी) के रूप में नामित किया जाएगा। प्रभावी संचार और समन्वय सुनिश्चित करने के लिए जिला घटना समन्वयक (डीआईसी), नोडल अधिकारी, सुरक्षा अधिकारी, संपर्क अधिकारी तथा सूचना और मीडिया अधिकारी सहित राज्य स्तर पर प्रमुख भूमिकाएं भी तय की गई हैं। उन्होंने उपायुक्तों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सभी अग्निशमन सेवाएं और ट्रॉमा सेंटर किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि इस अभ्यास का उद्देश्य नागरिकों को किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार करना तथा विकट स्थिति के दौरान बड़े पैमाने पर दहशत की संभावना को कम करना है। उन्होंने बताया कि सायं 7.50 बजे से 8 बजे तक ब्लैकआउट ड्रिल के दौरान आम लोगों को घरों के अंदर रहने और खिड़कियों से दूर रहने की सलाह दी गई है। अगर आप गाड़ी चला रहे हैं, तो अपनी गाड़ी को साइड में पार्क करें और लाइट बंद कर दें। जहां हैं, वहीं रहें और इधर-उधर न घूमें। अलर्ट के दौरान घर के अंदर और बाहर की सभी लाइटें बंद कर दें। साथ ही इन्वर्टर या वैकल्पिक बिजली आपूर्ति को भी डिस्कनेक्ट कर दें। उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन अभ्यास’ के दौरान निकासी, अग्नि सुरक्षा अभ्यास और संभावित हवाई हमलों की पूर्व चेतावनी भी सुनिश्चित की जाएगी।
गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि वैसे तो सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल हरियाणा के 11 जिलों के लिए अनिवार्य थी, लेकिन तैयारियों को मजबूत करने के लिए, प्रदेश के सभी जिलों में मॉक ड्रिल की जाएगी, जो सायरन बजने के साथ शाम 4 बजे शुरू होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत जिला और राज्य, दोनों स्तरों पर घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस) को औपचारिक रूप से लागू कर दिया है। 28 जनवरी, 2025 को अधिसूचित इस पहल का उद्देश्य प्रतिक्रिया तंत्र को सुव्यवस्थित करना, आपातकालीन स्थितियों के दौरान भ्रम को कम करना और तदर्थ उपायों पर निर्भरता को कम करना है। आईआरएस संरचना के भाग के तौर पर, मुख्य सचिव जिम्मेदार अधिकारी (आरओ) के रूप में काम करेंगे जबकि वित्त आयुक्त राजस्व (एफसीआर) और अतिरिक्त मुख्य सचिव, राजस्व को इनसीडेंट कमांडर (आईसी) के रूप में नामित किया जाएगा। प्रभावी संचार और समन्वय सुनिश्चित करने के लिए जिला घटना समन्वयक (डीआईसी), नोडल अधिकारी, सुरक्षा अधिकारी, संपर्क अधिकारी तथा सूचना और मीडिया अधिकारी सहित राज्य स्तर पर प्रमुख भूमिकाएं भी तय की गई हैं। उन्होंने उपायुक्तों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सभी अग्निशमन सेवाएं और ट्रॉमा सेंटर किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि इस अभ्यास का उद्देश्य नागरिकों को किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार करना तथा विकट स्थिति के दौरान बड़े पैमाने पर दहशत की संभावना को कम करना है। उन्होंने बताया कि सायं 7.50 बजे से 8 बजे तक ब्लैकआउट ड्रिल के दौरान आम लोगों को घरों के अंदर रहने और खिड़कियों से दूर रहने की सलाह दी गई है। अगर आप गाड़ी चला रहे हैं, तो अपनी गाड़ी को साइड में पार्क करें और लाइट बंद कर दें। जहां हैं, वहीं रहें और इधर-उधर न घूमें। अलर्ट के दौरान घर के अंदर और बाहर की सभी लाइटें बंद कर दें। साथ ही इन्वर्टर या वैकल्पिक बिजली आपूर्ति को भी डिस्कनेक्ट कर दें। उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन अभ्यास’ के दौरान निकासी, अग्नि सुरक्षा अभ्यास और संभावित हवाई हमलों की पूर्व चेतावनी भी सुनिश्चित की जाएगी।