UPI Update: UPI को लेकर बड़ा अपडेट! अब इन लोगों पर बाजी खतरे की घंटी, जानें जल्दी 

 
Big update on UPI! Now the alarm bells are ringing on these people
UPI Update: आजकल भारत में सभी तरह के ट्रांजैक्शन के लिए डिजिटल पेमेंट बहुत पॉपुलर हो गया है, चाहे छोटी दुकान हो, बिजनेस हो या पर्सनल ट्रांजैक्शन। पैसे भेजने हो या कुछ खरीदना हो, हर कोई डिजिटल पेमेंट पर निर्भर है। छोटी दुकानों से लेकर बड़े बिजनेस तक, सभी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) का इस्तेमाल कर रहे हैं।

UPI से पैसे ट्रांसफर करने से न सिर्फ समय बचता है बल्कि कैशलेस ट्रांजैक्शन भी बढ़ता है। लेकिन, इसके बढ़ते इस्तेमाल के साथ ऑनलाइन फ्रॉड भी बढ़ रहा है। इससे निपटने के लिए सरकार और NPCI ने UPI के लिए नए सिक्योरिटी नियम लागू किए हैं।

नए UPI नियम क्या हैं?
सरकार और NPCI द्वारा लागू किए गए नए नियमों के अनुसार, बड़े ट्रांजैक्शन के लिए सख्त वेरिफिकेशन प्रक्रिया होगी। यह नियम उन लोगों पर लागू होता है जो अक्सर बड़े ट्रांजैक्शन करते हैं; उन्हें अपने बैंक से अतिरिक्त वेरिफिकेशन करवाना होगा। ऑनलाइन डिजिटल फ्रॉड रोकने के लिए सरकार ने यह ज़रूरी कदम उठाया है।

₹2000 तक के ट्रांजैक्शन पर कोई टैक्स नहीं
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में GST में बड़े बदलाव किए हैं, और NPCI ने भी डिजिटल पेमेंट के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन बदलावों के तहत, ₹2000 तक के पेमेंट पर कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगेगा। इससे आम लोगों और छोटे बिजनेस को रोज़मर्रा के ट्रांजैक्शन में फायदा होगा। हालांकि, बिजनेस ट्रांजैक्शन के लिए थोड़ी फीस लगेगी।

यूजर्स को क्या ध्यान रखना चाहिए
भारत में ज़्यादातर लोग रोज़ाना UPI का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन उन्हें कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। सबसे पहले, अपने UPI ऐप को हमेशा अपडेट रखें ताकि लेटेस्ट सिक्योरिटी फीचर मिलें। किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें और अपना UPI PIN किसी के साथ शेयर न करें। अगर आपको कोई अनजान कॉल या मैसेज आता है, तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें।

व्यापारियों पर असर
NPCI द्वारा लागू किए गए नए नियम बड़े और छोटे दोनों तरह के बिजनेस को प्रभावित करेंगे। इस पॉलिसी के अनुसार, बड़े बिजनेस को हर ट्रांजैक्शन के लिए थोड़ी फीस देनी होगी, जबकि छोटे बिजनेस के लिए ₹2000 से कम के पेमेंट पूरी तरह फ्री होंगे। भविष्य में, डिजिटल पेमेंट सिस्टम और भी बेहतर हो जाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी टेक्नोलॉजी फ्रॉड का पता लगाने में मदद करेंगी।