हरियाणा में VIP नंबर HR88B8888 को लेकर अपडेट, बोलीदाता ने किया बड़ा खुलासा
 
हरियाणा में VIP नंबर HR88B8888 को लेकर अपडेट, बोलीदाता ने किया बड़ा खुलासा
 

हरियाणा में वीआईपी नंबर एचआर 88 बी 8888 नंबर के लिए ऑनलाइन नीलामी में 1 करोड़ 17 लाख रुपए की बोली लगाकर चर्चा में आए सुधीर कुमार ने बड़ा खुलासा किया है। इस मामले में बोलीदाता सुधीर कुमार ने बताया कि ज्योतिष के कहने पर उसने बोली लगाई थी। हालांकि बाद में यह नंबर कैंसल हो गया था।

भिवानी के रहने वाले हैं सुधीर कुमार

हिसार में मीडिया से बात करते हुए सुधीर कुमार ने कहा कि वे मूल रूप से भिवानी के रहने वाले हैं. लेकिन वे पिछले 15 सालों से बेंगलुरु में रह रहे हैं और आईटी कंपनी के डायरेक्टर हैं. उन्होंने पूरे मामले पर अपनी बात रखते हुए कहा कि "ये कोई हमारा पहला वीआईपी नंबर नहीं है जिसके लिए हमने बिड लगाई है. इससे पहले भी हमने कई वीआईपी नंबर के लिए बिड लगाई है. इससे पहले हमारे पास नंबर 0777 है, जो हमारे पास साल 2007 से ही है. उसके बाद से ही हम बिड लगाते आ रहे हैं और ऑक्शन जीतते हैं और पेमेंट करते हैं.

"ज्योतिषी के कहने पर लगाई थी बिड"

उन्होंने आगे कहा कि "हमारे एस्ट्रोलॉजर (ज्योतिषी) ने कहा कि 777 आपके लिए लकी है, लेकिन 8888 आपके लिए और भी कहीं ज्यादा लकी साबित होगा. मैंने पहले भी 8888 एक नंबर ले रखा है, उसकी पेमेंट भी कर चुके हैं. अब इस नंबर के लिए बिडिंग की थी. वीकली ऑक्शन के दौरान हमने अप्लाई किया था. जिस दिन बिड खत्म हुई, तब पता ही नहीं था कि ये नंबर अलॉट हो गया है, उसके बाद मीडिया के फोन आने शुरू हुए तो पता लगा कि नंबर मिल गया है. उसके साथ हमने 0777 के लिए भी बिड करा था जिसका हमने पेमेंट करवा दिया है पूरा. लेकिन पारिवारिक दबाव और बिजी रहने के चलते मैं 1 करोड़ 17 लाख रुपए की पेमेंट नहीं कर पाया"

इनकम टैक्स जांच के लिए तैयार

वहीं हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज के इनकम टैक्स विभाग से जांच कराने के बयान पर उन्होंने कहा कि जहां तक उनकी जांच की बात है, वे इसके लिए पूरी तरह से तैयार है. साथ ही वे सरकार को सहयोग करने के लिए तैयार हैं. वहीं उनके वकील सुनील कुमार ने कहा कि सुधीर कुमार ने कुछ भी इलीगल काम नहीं किया है, जो भी बिडिंग लगाई थी, वो पूरी लीगल प्रोसेस के तहत है, इसलिए जो जांच करना चाहता है, कर सकता है.

"संपत्ति की होगी जांच

आपको बता दें कि सुधीर कुमार ने कुछ अरसे पहले गाड़ी के वीआईपी नंबर एचआर 88 बी 8888 के लिए 1 करोड़ 17 लाख रुपए की बोली लगाई थी लेकिन नंबर अलॉट हो जाने के बावजूद उन्होंने इसकी पेमेंट नहीं की जिसके चलते सुरक्षा राशि भी जब्त हो गई. इस घटनाक्रम के बाद राज्य के परिवहन मंत्री अनिल विज ने कहा था कि " राज्य में फैंसी और वीवीआईपी वाहन नंबर नीलामी प्रणाली से आवंटित किए जाते हैं और कई लोग बड़ी-बड़ी बोलियां लगाकर इन नंबरों को खरीदने की कोशिश करते हैं. ये ना केवल प्रतिष्ठा का विषय होता है, बल्कि सरकार की राजस्व वृद्धि में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है.

हाल ही में एचआर 88 बी 8888 नंबर के लिए ऑनलाइन नीलामी के दौरान 1 करोड़ 17 लाख रूपए की सबसे ऊंची बोली लगाई गई, लेकिन बोली लगाने के बाद उस व्यक्ति ने अपनी सुरक्षा राशि जब्त होने दी, जिससे ये स्पष्ट होता है कि बोली लगाना सिर्फ शौक बनता जा रहा है, ना कि जिम्मेदारी. मैंने परिवहन अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि जिस व्यक्ति ने ये बोली लगाई है, उसकी संपत्ति और आय की पूरी जांच करवाई जाए और ये देखा जाए कि वास्तव में उस व्यक्ति की आर्थिक क्षमता 1 करोड़ 17 लाख रुपये की बोली लगाने की है भी या नहीं. ऐसी जांच होगी तो भविष्य में कोई भी व्यक्ति गलत जानकारी या बिना आर्थिक क्षमता के बोली नहीं लगा सकेगा."