Shortest Expressway in India: जानें भारत में सबसे छोटा एक्सप्रेसवे कौन सा है? ये है खासियत

दुर्ग बाईपास एक्सप्रेसवे का महत्व
भले ही यह लंबाई में छोटा है, यह एक्सप्रेसवे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। यह दुर्ग, भिलाई और रायपुर जैसे प्रमुख औद्योगिक केंद्रों को जोड़ता है, जिससे माल परिवहन में तेज़ी से मदद मिलती है और यात्रा में देरी कम होती है। बाईपास विशेष रूप से भारी वाहनों के लिए महत्वपूर्ण है।
भारत में अन्य छोटे एक्सप्रेसवे
•दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेसवे (28 किमी): दिल्ली को गुरुग्राम से जोड़ता है, जो एनएच-48 का हिस्सा है और दिल्ली एनसीआर के पास सबसे बिजी एक्सप्रेसवे में से एक है।
•जयपुर-किशनगढ़ एक्सप्रेसवे (90 किमी): राजस्थान में जयपुर से किशनगढ़ को जोड़ता है।
भारत के सबसे छोटे एक्सप्रेसवे के बारे में रोचक तथ्य
कहां पर बना हुआ है
दुर्ग बाईपास एक्सप्रेसवे छत्तीसगढ़ में स्थित है, जो दुर्ग शहर को भिलाई और रायपुर से जोड़ता है। इसकी स्थिति इसे NH-53 और प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी बनाती है।
कितनी है लंबाई
इसकी लंबाई केवल 18 किलोमीटर की है। इसे आधिकारिक तौर पर भारत का सबसे छोटा एक्सप्रेसवे माना जाता है।
ट्रैफिक को कम करने में मदद करता है
इसका निर्माण मुख्य रूप से NH-53 पर भीड़भाड़ कम करने और भारी वाहनों और औद्योगिक परिवहन के लिए सुगम मार्ग प्रदान करने के लिए किया गया था। यह बाईपास दुर्ग और भिलाई में शहरी यातायात की भीड़भाड़ को भी कम करता है।
इन शहरों को करता है कनेक्ट
यह एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ को जोड़ता है, जिससे शहर की सीमा के अंदर यातायात कम होता है। यह मध्य भारत में व्यापार, रसद और औद्योगिक संपर्क के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग बन गया है।
रोजाना 30-40 मिनट बचते हैं
यह एक्सप्रेसवे 30-40 मिनट तक यात्रा के समय की बचत करता है। यह समय बचाने वाली सुविधा इसे भारत के बढ़ते एक्सप्रेसवे नेटवर्क का एक कुशल हिस्सा बनाती है।