पानीपत-गोरखपुर एक्सप्रेसवे को लेकर आया बड़ा अपडेट, रोजगार के खुलेंगे नए अवसर 

 
A major update has emerged regarding the Panipat-Gorakhpur Expressway.
केंद्र सरकार द्वारा लोगों को बेहतर यातायात सुविधा देने के लिए लगातार एक्सप्रेसवे, हाईवे और सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। इसी बीच पानीपत–गोरखपुर एक्सप्रेसवे को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। पानीपत–गोरखपुर एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट को मंजूरी देकर भारत सरकार ने उत्तर भारत में बेहतर कनेक्टिविटी का रास्ता खोल दिया है। इस प्रोजेक्टके शुरू होने से दिल्ली-NCR से पूर्वांचल तक सीधा और तेज आवागमन संभव होगा। यह एक्सप्रेसवे क्षेत्रीय विकास, व्यापार, उद्योग और यात्रा को नई दिशा देने वाला साबित होगा। आइए जानें ये प्रोजेक्ट कब तक बनकर तैयार होगा। 

ये बड़े शहर होंगे कनेक्ट 

आपको बता दें कि यह एक्सप्रेसवे लखीमपुर खीरी जिले से होकर गुजरेगा, जिससे जनपद का सीधा जुड़ाव राजधानी दिल्ली, गोरखपुर, अयोध्या सहित अन्य बड़े शहरों से होगा। तीन तहसीलों के 64 गांव इसके दायरे में आ रहे हैं। इससे जिले में परिवहन सुविधाएं सुधरेंगी और लखीमपुर एक नए ट्रांसपोर्ट हब के रूप में उभर सकता है। 

जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू 

NHAI द्वारा SDM को भूमि चिन्हांकन, सर्वे और प्रारंभिक अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश जारी किए गए हैं. पहले चरण में प्रभावित गांवों का सत्यापन होगा, फिर आवश्यक भूमि का आंकलन किया जाएगा. किसानों और भूमि स्वामियों को नियमानुसार मुआवजा देने की प्रक्रिया तय दिशा में आगे बढ़ेगी। 

मोहम्मदी होगा प्रवेश द्वार

इस एक्सप्रेस-वे का मुख्य प्रवेश बिंदु मोहम्मदी में प्रस्तावित है, जहां से यह गोला और लखीमपुर होकर आगे बढ़ेगा. इस मार्ग के तैयार होने से स्थानीय लोगों को धार्मिक, व्यवसायिक और औद्योगिक यात्रा में बड़ी सुविधा मिलेगी. छोटी काशी कहलाने वाले क्षेत्रों में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.

दूरी और समय में बड़ा बदलाव

अभी लखीमपुर से दिल्ली पहुंचने में करीब 10-12 घंटे लगते हैं, लेकिन एक्सप्रेस-वे बनने के बाद यह सफर 5-6 घंटे में पूरा हो सकेगा. गोरखपुर और पूर्वांचल के अन्य बड़े धार्मिक-औद्योगिक शहरों तक तेज, सुरक्षित और सीधी यात्रा संभव होगी. इससे यात्रियों के समय और ईंधन दोनों की बचत होगी.

औद्योगिक और आर्थिक लाभ

यह एक्सप्रेस-वे हरियाणा के औद्योगिक केंद्र पानीपत को पूर्वी यूपी से जोड़ेगा, जिससे उद्योग, फैक्ट्री और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को बाजार विस्तार मिलेगा. मालवाहन की लागत घटेगी और परिवहन नेटवर्क मजबूत होगा. इससे औद्योगिक निवेश बढ़ने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे.

22 जिलों को जोड़ने वाला मार्ग

करीब 747 किलोमीटर लंबा यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे हरियाणा और यूपी के 22 जिलों को जोड़ेगा. इसमें मुजफ्फरनगर, श्यामली, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बस्ती और गोरखपुर जैसे शहर सीधे लाभान्वित होंगे. यह भू-भागीय कनेक्टिविटी के लिहाज से ऐतिहासिक परियोजना होगी.

DPR और तकनीकी कार्यवाही पूरी

NHAI ने इस परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार कर ली है. अब फील्ड सर्वे, भूमि अधिग्रहण और इंजीनियरिंग डिजाइनिंग जैसे कार्य तेजी से आगे बढ़ेंगे. 

जानें कब तक तैयार होगा एक्सप्रेसवे?

जानकारी के अनुसार यह एक्सप्रेसवे 2029 से 2030 के बीच पूरा हो सकता है. हालांकि वास्तविक समय भूमि अधिग्रहण, निर्माण गति और सरकारी प्रक्रियाओं पर निर्भर करेगा. परियोजना पूरी होने पर यह उत्तर भारत के परिवहन नेटवर्क को नई दिशा देगा और दिल्ली से पूर्वांचल की दूरी मनोवैज्ञानिक रूप से भी कम महसूस होगा।