बता दें कि वर्तमान में रींगस से खाटूश्यामजी के बीच कोई रेलवे स्टेशन नहीं है। नई रेल लाइन के निर्माण से यह दूरी ट्रेन से करीब 15 मिनट में तय की जा सकेगी। अभी यात्रियों को रींगस से निजी वाहनों या पैदल यात्रा करनी पड़ती है।
बनेंगी तीन लूप लाइनें
रेलवे के अनुसार, रेल मार्ग पर तीन लूप लाइनें बनाई जाएंगी। यह मुख्य लाइन के समानांतर चलकर फिर उसमें मिल जाएंगी। इससे ट्रेनों को पार्किंग और पारगमन में सहूलियत मिलेगी। सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए परियोजना में कहीं भी लेवल क्रॉसिंग नहीं बनाई जाएगी। मार्ग में कुल 8 छोटे पुल और 21 अंडरब्रिज प्रस्तावित हैं।
अंतिम चरण में मिट्टी परीक्षण का काम
परियोजना की वर्तमान स्थिति की बात करें तो रेलवे ने रूट अलाइनमेंट को अंतिम रूप दे दिया है। भूमि अधिग्रहण के लिए 70 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा हो चुका है, जबकि बाकी जमीन के लिए बातचीत जारी है। तकनीकी सर्वेक्षण और मिट्टी परीक्षण का काम भी अंतिम चरण में है।
जानें कब पूरा होगा काम
रेलवे अधिकारियों के अनुसार निर्माण कार्य 2026 में शुरू कर दिया जाएगा। पूरी रेल लाइन को 24 से 30 महीनों में तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। यदि कार्य तय समय से आगे बढ़ा तो 2028 तक पहली ट्रेन खाटूश्यामजी स्टेशन पर पहुंच सकती है।
जानें मुख्य फायदे
आपको बता दें कि नई लाइन से ट्रेन से सीधा खाटूशाम तक कनेक्टिविटी होगी। साथ ही यात्रियों का समय भी बचेगा। सिर्फ 15 मिनट में तय होगा सफर। धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा, जिससे स्थानीय कारोबार-रोजगार मिलेगा।
ये रहेगी थीम
रेल लाइन के साथ ही खाटू श्यामजी रेलवे स्टेशन का निर्माण चारण मैदान से करीब 100 मीटर दूर केरपुरा-लामियां रोड के पास किया जाएगा। रेलवे स्टेशन मंदिर से केवल 1.5 किमी की दूरी पर होगा। इसका डिजाइन पूरी तरह से खाटूश्यामजी मंदिर की थीम पर आधारित होगा। स्टेशन का मुख्य द्वार मंदिर के गुंबद के आकार में बनाया जाएगा। साथ ही दोनों ओर पारंपरिक बरामदे होंगे। स्टेशन परिसर में शेखावाटी की कला को दर्शाती चित्रकारी भी लगाई जाएगी। स्टेशन के सामने एक बड़ा पार्क भी विकसित किया जाएगा।
