New Toll System : देशभर में बदलने वाला है Toll सिस्टम, जानें अब कैसे कटेगा टोल

 
The toll system is about to change across the country.
New Toll System : देशभर के वाहन चालकों के लिए एक जरूरी खबर सामने आई है। जल्द ही टोल टैक्स व्यवस्था बदलने वाली है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में घोषणा की कि मौजूदा टोल कलेक्शन सिस्टम एक साल के भीतर खत्म कर दी जाएगी और इसकी जगह नई इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन प्रणाली लागू होगी। इस बदलाव के बाद, हाईवे पर यात्रा करने वालों को अब टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ेगा, और उनकी यात्रा पूरी तरह से बिना किसी रुकावट के होगी।

देशभर में बदलेगा सिस्टम

परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि फिलहाल देश भर में 10 लाख करोड़ रुपये की 4,500 हाईवे परियोजनाएं जारी हैं। हाल में जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया’ (एनपीसीआई) ने भारत के राजमार्गों पर टोल संग्रह को सुव्यवस्थित करने के लिए राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (एनईटीसी) कार्यक्रम विकसित किया है, जो इलेक्ट्रॉनिक टोल भुगतान के लिए एक एकीकृत ‘इंटरऑपरेबल प्लेटफॉर्म’ है।

हाइड्रोजन ईंधन पर सरकार का फोकस 

केंद्र सरकार बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए वैकल्पिक ईंधन को प्राथमिकता दे रही है और टोयोटा की 'मिराई' हाइड्रोजन ईंधन-सेल कार का उपयोग शुरू कर दिया गया है। गडकरी ने पूरक प्रश्नों के उत्तर में कहा कि भविष्य का ईंधन हाइड्रोजन है... मेरे पास एक कार भी है, जो हाइड्रोजन चालित है, और यह कार टोयोटा की है...यह मर्सिडीज के समान आराम देती है। कार का नाम ‘मिराई’ है, जो एक जापानी शब्द है जिसका अर्थ ‘भविष्य’ है।

जानें क्या है नई इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन प्रणाली 

नई इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ETC) प्रणाली एक आधुनिक तकनीक है, जिसमें वाहनों को टोल प्लाज़ा पर रुकना नहीं पड़ता और टोल शुल्क स्वचालित रूप से कट जाता है। इस प्रणाली में गाड़ियों पर लगे FASTag (RFID टैग) को टोल प्लाज़ा पर लगे सेंसर स्कैन करते हैं और शुल्क सीधे वाहन मालिक के बैंक खाते या वॉलेट से डेबिट हो जाता है। 

इससे यात्रा पूरी तरह निर्बाध हो जाती है, समय और ईंधन की बचत होती है, ट्रैफिक जाम कम होता है और कैश लेन-देन की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। भारत में इसे National Electronic Toll Collection (NETC) कार्यक्रम के तहत लागू किया जा रहा है, ताकि देशभर के राजमार्गों पर टोल संग्रह को पारदर्शी और आसान बनाया जा सके।