New Rules From January 2026: नए साल से बदल जाएंगे पैसों से जुड़े ये नियम, सीधा आपकी जेब पर पड़ेगा असर

 
These money-related rules will change from the new year.
New Financial rules from January 2026: एक जनवरी 2026 से बैंकिंग, सैलरी, गैस, डिजिटल पेमेंट, वाहन और सरकारी योजनाओं से जुड़े कई नियम बदलने जा रहे हैं, जिनका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा। आइए आसान शब्दों में समझाते हैं कि नए साल में क्या-क्या  बदलेगा।

ईंधन की कीमतों में बदलाव

हर महीने की पहली तारीख को गैस सिलेंडर और फ्यूल की कीमतों की समीक्षा होती है। ऐसे में 1 जनवरी से एलपीजी, CNG और एविएशन फ्यूल (ATF) के दाम बदल सकते हैं, जिसका असर सीधे घरेलू बजट पर पड़ेगा।

डिजिटल पेमेंट में सख्ती

डिजिटल फ्रॉड रोकने के लिए सरकार और बैंक मिलकर UPI, WhatsApp Pay, PhonePe जैसे प्लेटफॉर्म्स पर नए नियम लागू कर रहे हैं। KYC और मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन को और सख्त किया जाएगा, ताकि फर्जी अकाउंट्स पर लगाम लगाई जा सके।

PAN-Aadhaar लिंक

अगर आपने अब तक अपना पैन और आधार लिंक नहीं कराया है, तो सावधान हो जाइए। 1 जनवरी 2026 से बिना लिंक वाले पैन पर कई बैंकिंग और सरकारी सेवाएं बंद हो सकती हैं। टैक्स रिफंड, सब्सिडी और निवेश से जुड़ी सुविधाओं पर असर पड़ सकता है।

क्रेडिट स्कोर से जुड़े बड़े बदलाव

नए साल से क्रेडिट स्कोर को लेकर नियम और सख्त होंगे। अब आपका क्रेडिट स्कोर महीने में दो बार नहीं, बल्कि हर हफ्ते अपडेट होगा। यानी अगर आपने समय पर लोन या क्रेडिट कार्ड का भुगतान नहीं किया, तो उसका असर तुरंत दिखेगा। वहीं समय पर भुगतान करने वालों को भी फायदा मिलेगा।

सरकारी वेतन

2025 के अंत के साथ ही 7वां वेतन आयोग समाप्त हो रहा है। ऐसे में 2026 से 8वें वेतन आयोग को लेकर चर्चाएं तेज हो सकती हैं, जिससे सैलरी और पेंशन में बदलाव की उम्मीद है।

लोन सस्ते होने के संकेत

आरबीआई की ओर से रेपो रेट में कटौती के बाद बैंकों ने संकेत दिए हैं कि होम लोन और कार लोन की ब्याज दरें आगे चलकर कम हो सकती हैं, जिससे ईएमआई का बोझ हल्का हो सकता है।

राशन कार्ड और किसान आईडी भी जरूरी

31 दिसंबर 2025 तक राशन कार्ड की e-KYC और किसान आईडी बनवाना जरूरी होगा। ऐसा नहीं करने पर सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ रुक सकता है।

डिजिटल सुरक्षा पर सख्ती

सरकार नाबालिगों की ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर नए नियम ला सकती है। सोशल मीडिया पर उम्र सत्यापन और पैरेंटल कंट्रोल जैसे नियम सख्त किए जा सकते हैं।