Maruti Suzuki Wagon R Flex Fuel: साल 2026 में आएगी Maruti Suzuki की ये नई Wagon R, जानें क्या होगा खास?

Wagon R: सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन (एसएमसी) ने हाल ही में आयोजित टेक्नोलॉजी स्ट्रैटेजी ब्रीफिंग 2025 में बड़ा ऐलान किया है। जिसमें कहा है कि उसकी सहायक कंपनी मारुति सुजुकी 2025-26 में अपने फ्लेक्स फ्यूल वाहनों (एफएफवी) का उत्पादन शुरू करेगी। यह पहल भारत सरकार की ओर से अपने डीकार्बोनाइजेशन लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों की तैयारी हेतु एक दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है। हालांकि, अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन उम्मीद है कि उत्पादन लाइन से निकलने वाला पहला फ्लेक्स फ्यूल वाहन वैगन आर होगा।
जानकारी के मुताबिक, मारुति सुजुकी ने 2024 में भारत मोबिलिटी एक्सपो में वैगन आर फ्लेक्स फ्यूल का एक प्रोटोटाइप प्रेजेंट किया था। 20 से 85 प्रतिशत इथेनॉल-पेट्रोल मिश्रण पर चलने के लिए डिजानइन की गई वैगन आर फ्लेक्स फ्यूल में नई ईंधन प्रणाली तकनीकें शामिल हैं। मारुति सुजुकी का दावा है कि E85 ईंधन पर चलने वाला इथेनॉल ईंधन आधारित वैगन आर फ्लेक्स फ्यूल, पारंपरिक गैसोलीन वैगन आर की तुलना में 'टेलपाइप उत्सर्जन को 79 प्रतिशत तक कम' करने में मदद करेगा।
वहीं इंजन की बात करें तो, वैगन आर फ्लेक्स फ्यूल में वही 1.2-लीटर पेट्रोल इंजन इस्तेमाल होने की संभावना है। जिसे E20-E85 इथेनॉल पर चलने के लिए थोड़ा बदलाव किया जाएगा। वहीं बाहर की तरफ वाहन में कुछ छोटे-छोटे अपडेट होने की उम्मीद है, जिसमें हरे रंग के इन्सर्ट और 'फ्लेक्स फ्यूल' बैजिंग शामिल हैं। अंदर भी ज़्यादा कुछ खास बदलाव की उम्मीद नहीं है। रिपोर्टों से पता चलता है कि ब्रांड नवंबर 2025 में वैगन आर फ्लेक्स फ्यूल का उत्पादन शुरू कर देगा।
फ्लेक्स फ्यूल वाहन के लॉन्च का समय महत्वपूर्ण है, क्योंकि देश के कई हिस्सों में पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण होता है। इसके अलावा, सरकार ने 2030 तक 30 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण (E30) का लक्ष्य रखा है। फ्लेक्स फ्यूल के साथ, उपभोक्ता अपने वाहनों को भविष्य के लिए तैयार कर सकते हैं और बिना किसी चिंता के इन मिश्रणों को अपना सकते हैं।
फ्लेक्स फ्यूल वाहन क्या हैं?
खबरों की मानें, तो फ्लेक्स फ्यूल वाहन (FFV) विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए इंजन और ईंधन प्रणालियों वाले वाहन होते हैं जो इथेनॉल सहित कई ईंधन मिश्रणों पर चल सकते हैं। ये पारंपरिक पेट्रोल/डीजल से चलने वाले इंजनों का एक स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प हैं।