Lucknow-SCR: दिल्ली-NCR की तरह, यूपी में Lucknow-SCR का होगा विकास: योगी सरकार ने बड़ा ऐलान किया

 
Lucknow-SCR: Like Delhi-NCR, Lucknow-SCR will be developed in UP: Yogi government made a big announcement
Lucknow-SCR:  लखनऊ और आसपास के जिलों को बदलने के लिए एक नई योजना पर काम शुरू होने वाला है। राज्य सरकार ने एक विकास योजना बनाई है, जिसके तहत लखनऊ और उसके आसपास के पांच जिले आने वाले वर्षों में आर्थिक, औद्योगिक और शहरी विकास का नया केंद्र बनेंगे। इस महत्वाकांक्षी योजना को स्टेट कैपिटल रीजन (एससीआर) कहा जाएगा।

यह दिल्ली एनसीआर की तर्ज पर होगा। उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन का कुल क्षेत्रफल 26,000 वर्ग किलोमीटर होगा। इसमें लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, बाराबंकी और रायबरेली शामिल हैं। इसकी संरचना जनसंख्या, बसावट के पैटर्न और भौगोलिक स्थिति के आधार पर तय की जा रही है।

क्षेत्रीय योजना का मसौदा

स्टेट कैपिटल रीजन की क्षेत्रीय योजना के लिए पहला सर्वेक्षण रिपोर्ट हाल ही में लखनऊ के कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब की मौजूदगी में प्रस्तुत किया गया। बैठक में एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेष कुमार, विभिन्न विभागों के अधिकारी और कंसल्टिंग इंजीनियरों की टीम मौजूद थी। कंसल्टेंट ने कहा कि क्षेत्रीय योजना तैयार करने में एक साल लगेगा। इसके बाद अगले पांच वर्षों में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी। फिर धीरे-धीरे योजनाओं को लागू किया जाएगा। यह पहल न केवल शहरी नियोजन को नई दिशा देगी बल्कि पूरे क्षेत्र में समान विकास सुनिश्चित करेगी।

तेज कनेक्टिविटी के लिए तैयारी

इस विशाल क्षेत्र में हाई-स्पीड रेल और आधुनिक सड़क नेटवर्क होगा। इसका उद्देश्य लखनऊ और आसपास के जिलों के बीच यात्रा को तेज और आसान बनाना है।

इस योजना के तहत:

- औद्योगिक क्षेत्र सीधे राजधानी से जुड़ेंगे।

- लोगों को रोजगार और व्यवसाय के अवसर आसानी से मिलेंगे।

- बेहतर परिवहन कनेक्टिविटी से निवेशकों का भरोसा भी बढ़ेगा।

- सरकार का मानना है कि बेहतर कनेक्टिविटी विकास की कुंजी है, इसलिए परिवहन क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई है।

पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाना

क्या कहता है सर्वेक्षण रिपोर्ट

सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, हर साल लगभग 1.8 करोड़ पर्यटक इस पूरे क्षेत्र में आते हैं। आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ में 46% पर्यटक आते हैं, बाराबंकी में 31%, उन्नाव में 14%, सीतापुर में 7%, जबकि हरदोई और रायबरेली में केवल 1% पर्यटक आते हैं। यह अंतर बताता है कि पर्यटन की क्षमता का पूरी तरह से उपयोग नहीं हो रहा है। सरकार हर जिले के कल्चर, धार्मिक स्थल, ऐतिहासिक विरासत और प्राकृतिक संसाधनों को मिलाकर टूरिज्म सर्किट बनाने की योजना बना रही है। इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।

कृषि और उद्योग पर ध्यान

लखनऊ और आसपास के जिलों की उपजाऊ ज़मीन सबसे बड़ी खूबी है। यहाँ धान, गेहूं, गन्ना, सब्जियां और दालें बड़े पैमाने पर उगाई जाती हैं। क्षेत्रीय योजना में आधुनिक तकनीक, कोल्ड स्टोरेज और कृषि-व्यवसाय हब के ज़रिए कृषि को बढ़ावा देने की योजनाएं शामिल होंगी। औद्योगिक विकास पर भी खास ध्यान दिया जाएगा। फूड प्रोसेसिंग, कपड़ा, आईटी और सेवा क्षेत्र में निवेश के अवसरों की तलाश की जाएगी। उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में SCR क्षेत्र एक नया औद्योगिक गलियारा बन जाएगा।

रोजगार और शहरीकरण

अधिकारियों ने कहा कि योजना का मुख्य उद्देश्य रोजगार और व्यवसाय के अवसर पैदा करना है। बेहतर कनेक्टिविटी, औद्योगिक विकास और पर्यटन से स्वाभाविक रूप से रोजगार बढ़ेगा। लखनऊ पहले से ही उत्तर भारत का शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा केंद्र है। अब आसपास के जिले भी इस विकास में शामिल होंगे। स्मार्ट सिटी मॉडल के अनुसार छोटे शहरों को शहरी सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा।

डेटा संग्रह और आगे की योजना

बैठक में, संभागीय आयुक्त डॉ. रोशन जैकब ने स्पष्ट निर्देश दिए कि हर जिले के लिए अलग-अलग सलाहकार नियुक्त किए जाएं। इससे डेटा संग्रह में तेजी आएगी, स्थानीय ज़रूरतों को बेहतर ढंग से समझा जा सकेगा और कार्य योजना अधिक प्रभावी होगी। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि क्षेत्रीय योजना सिर्फ एक कागज़ न रहे; यह हर जिले की विशिष्ट ज़रूरतों और संसाधनों पर आधारित होनी चाहिए।