Kisan News: इस सब्जी की खेती किसानों को कर देगी मालामाल! सितंबर महीने में ही होगा तगड़ा मुनाफा

जलवायु: ठंडा एवं आर्द्र मौसम (15–20 °C) सबसे अनुकूल है। अत्यधिक ठंड या पाला गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है।
2. बुवाई और पौध तैयार करना
फूलगोभी बुवाई बीज से सीधे फसल नहीं लगाती, बल्कि पहले नर्सरी में पौधा तैयार करते हैं।
बीज उपचार: बुवाई से पहले 2–3 ग्राम कैप्टन या ब्रैसिकाल प्रति किलोग्राम बीज में मिलाकर उपचार करें।
गली हुई गोबर की खाद मिलाकर नर्सरी तैयार करें और 30×100 c की क्यारियाँ बनाएं।
बुवाई का समयः
अगेती किस्में: मई–जून
मध्यकालीन किस्में: जुलाई–अगस्त
पछेती किस्में: अक्टूबर–नवंबर
3. पौध योजना और दूरी
रोपाई के लिए पौधे तैयारी के 3–5 सप्ताह बाद तैयार होते हैं (3–5 पत्तियाँ एवं ~12 cm ऊँचाई)।
फसल प्रबंधन:
एकल पंक्ति: पौधे के बीच 20–40 cm, पंक्तियों के बीच 40–90 cm
दोहरी पंक्ति: पंक्तियों की दो जोड़ियों के बीच ~1 m, पौधों के बीच 30 cm
प्रति हेक्टेयर 25,000–45,000 पौधे उगाए जाते हैं।
4. उर्वरक और खाद प्रबंधन
प्रारंभिक खाद (रोपाई से पहले): 40 टन गली हुई गोबर की खाद, साथ ही 110 kg यूरिया, 155 kg SSP (सुपरफॉस्फेट), 40 kg म्यूरिएट ऑफ पोटाश प्रति हेक्टेयर।
उर्वरक:
आधा यूरिया रोपाई से पहले, शेष यूरिया 4 सप्ताह बाद।
15–20 दिनों बाद: 19:19:19 घोल (~5–7 g प्रति लीटर)
40 दिनों बाद: 12:16:0 + लघु तत्व + बोरोन (प्रति लीटर, 4–5 g + 2.5–3 g + 1 g)
अंतिम अवस्था में: 13:00:45 घोल (8–10 g प्रति लीटर)
विशिष्ट खनिजों की कमी के लिए:
मैग्नीशियम सल्फेट: 30–35 दिनों के बाद 5 g प्रति लीटर
कैल्शियम नाइट्रेट: इसी अवधि में 5 g प्रति लीटर
बोरॉक्स: बोरॉन की कमी के लिए 250–400 g प्रति हेक्टेयर
5. सिंचाई और जल प्रबंधन
पहली सिंचाई: रोपाई के तुरंत बाद।
गर्मियों में: 7–8 दिनों पर एक बार
सर्दियों में: 10–15 दिनों पर
ड्रिप सिस्टम सबसे प्रभावी है।
6. खरपतवार नियंत्रण
रिपीटिव निराई–गुड़ाई करें: पहली गुड़ाई 20–25 दिन बाद और दूसरी 15–25 दिन बाद।
रासायनिक नियंत्रण (यदि आवश्यक हो):
फलुक्लोरालिन, पैंडीमैथलीन से भूमि की तैयारी।
7. कीट और रोग प्रबंधन
प्रमुख कीटः
रस चूसने वाले (चेपे, तेले): इमीडाक्लोप्रिड
पतंगा ( चमकीली पीठ वाला ): नीम अर्क, BT, स्पाइनोसैड
सुंडी: BT, नीम अर्क, थायोडीकार्ब, एमामेक्टिन बेन्जोएट
रोग (बीमारीहरू):
सूखा/रूट गलन: ट्राइकोडरमा, रिडोमिल्ड गोल्ड
पत्तों पर धब्बे (आल्टरनेरिया, झुलस): मैनकोजेब, टैबूकोनाजोल + ट्रिफ्लोक्सीट्रोबिन