IPS पूर्वा चौधरी फिर आई सुर्खियों में, इस मामले को लेकर उठा विवाद
कुछ लोगों ने उनके पिता के RAS अधिकारी होने और कथित आर्थिक स्थिति के आधार पर सवाल खड़े किए, जिससे उनकी सफलता के साथ विवाद भी जुड़ गया।
इस वजह हुआ विवाद
आपको बता दें कि पूर्वा चौधरी की सफलता की खबर सामने आने के बाद ही सोशल मीडिया पर उनके OBC नॉन-क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट को लेकर बहस शुरू हो गई थी। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया कि पूर्वा के पिता ओमप्रकाश सहारण राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के वरिष्ठ अधिकारी हैं, ऐसे में उनकी बेटी को OBC-NCL श्रेणी का लाभ नहीं मिलना चाहिए था।
विवाद यहीं नहीं रुका, बल्कि कुछ लोगों ने पूर्वा की तस्वीरों में दिख रहे महंगे हैंडबैग और कारों को आधार बनाकर उनकी आर्थिक स्थिति पर भी सवाल उठाए। आरोप लगाए गए कि प्रभावशाली परिवारों के बच्चे आरक्षण का गलत फायदा उठाकर जरूरतमंदों के अधिकार छीन रहे हैं। इन दावों ने देखते ही देखते सोशल मीडिया पर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया।
पूर्वा चौधरी की उपलब्धि
पूर्वा चौधरी ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा OBC श्रेणी से उत्तीर्ण की है। उन्हें लिखित परीक्षा में 771 अंक और साक्षात्कार में 165 अंक मिले, जिसके आधार पर कुल 936 अंकों के साथ उन्हें ऑल इंडिया रैंक 533 प्राप्त हुई। पूर्वा के पिता ओमप्रकाश सहारण वर्तमान में कोटपूतली में अतिरिक्त जिला कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं और वे राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं।
परिवार का कहना है कि पूर्वा की यह सफलता वर्षों की मेहनत, अनुशासन और समर्पण का परिणाम है। हालांकि, सोशल मीडिया पर चल रहे आरोपों ने इस उपलब्धि को विवादों के घेरे में ला दिया, जिसके बाद परिवार को सार्वजनिक रूप से अपनी स्थिति स्पष्ट करनी पड़ी।
पिता ने दी सफाई
पूर्वा पर लगे आरोपों को लेकर उनके पिता ओमप्रकाश सहारण ने खुलकर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे आरोप तथ्यहीन और नियमों की अधूरी जानकारी पर आधारित हैं। ओमप्रकाश सहारण के अनुसार, OBC-NCL के नियम स्पष्ट हैं। यदि कोई व्यक्ति 40 वर्ष की आयु से पहले डायरेक्ट भर्ती के जरिए क्लास-1 या ग्रुप-ए सेवा में आता है, तभी उसके परिवार को OBC-NCL का लाभ नहीं मिलता।
उन्होंने बताया कि वे 44 वर्ष की उम्र में RAS अधिकारी बने थे, इसलिए उनकी बेटी पूरी तरह नियमों के दायरे में आती है। उन्होंने अफवाहों को भेड़चाल बताते हुए कहा कि कुछ लोग जानबूझकर गलत जानकारी फैला रहे हैं।
UPSC आरक्षण नियमों पर फिर छिड़ी बहस
इस पूरे विवाद ने एक बार फिर यूपीएससी की चयन प्रक्रिया और आरक्षण व्यवस्था को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर बहस को हवा दे दी है। हाल के वर्षों में OBC, EWS और PwBD कोटे के कथित दुरुपयोग को लेकर कई मामले सामने आ चुके हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इन विवादों से बचने के लिए यूपीएससी को दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सख्त बनाना चाहिए।
वहीं, पूर्वा चौधरी और उनका परिवार दोहराता है कि उन्होंने सभी नियमों का पालन किया है और उनकी सफलता किसी भी तरह के गलत लाभ का परिणाम नहीं है। सोशल मीडिया पर जारी बहस के बीच यह मामला अब व्यवस्था और नियमों की समझ से जुड़ा बड़ा सवाल बन चुका है।
राजस्थान से कनेक्शन
हनुमानगढ़ जिले के बोलावाली गांव की रहने वाली पूर्वा ने सेंट जेवियर्स स्कूल से पढ़ाई की और दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से स्नातक किया। पढ़ाई के बाद उन्होंने अनुशासित तरीके से यूपीएससी की तैयारी शुरू की।
