Haryana : हरियाणा में इन किसानों की हुई मौज, जल्द मिलेंगे लगभग 85.5 करोड़ रुपये! पहले करना होगा ये जरूरी काम

पूर्व कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि इंश्योरेंस कंपनी को अब एक हफ्ते के अंदर भुगतान करना होगा। कंपनी ने भीवाणी में 148, चरखी दादरी में 45 और नूंह में 38 इंश्योरेंस यूनिट में किए गए फसल उपज अनुमान प्रयोगों (CCE) पर आपत्ति जताई थी। कंपनी का तर्क था कि कृषि विभाग की रिपोर्ट को बिना किसी स्वतंत्र जांच के स्वीकार कर लिया गया और तकनीकी नियमों का पालन नहीं किया गया।
जवाब में, सरकार ने कहा कि फसल कटाई के दौरान अधिकांश यूनिट में कंपनी सह-साक्षी के रूप में मौजूद थी, लेकिन तब उसने कोई आपत्ति नहीं जताई। उपज डेटा घोषित होने के बाद ही आपत्ति सामने आई। इसके अलावा, कंपनी ने तय समय सीमा के बाद अपील दायर की, जिससे प्रक्रिया पर सवाल उठते हैं।
दस्तावेजों की समीक्षा के बाद, CTAC को पता चला कि अपील में ठोस सबूत नहीं थे और तकनीकी रिपोर्ट अधूरी थी। कमेटी ने स्पष्ट किया कि सैटेलाइट आधारित मॉडल, जमीनी स्तर पर फसल उपज अनुमान प्रयोगों की जगह नहीं ले सकते। अंत में, कमेटी ने STAC के फैसले को बरकरार रखा और इंश्योरेंस कंपनी को वास्तविक उपज डेटा के आधार पर किसानों को मुआवजा देने का आदेश दिया।