Haryana News: हरियाणा के इस जिले में स्थापित होगा तेल मिल, इन पांच जिलों को होगा सबसे ज्यादा फायदा

इस संबंध में जानकारी आज यहां मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में हुई बैठक में दी गई। मीटिंग में बताया गया कि यह संयंत्र अनुबंध प्रदान किए जाने की तिथि से 18 महीने के भीतर चालू होने की उम्मीद है। संयंत्र में विश्वस्तरीय प्रसंस्करण मानक अपनाए जाएंगे और कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगा।
इन जिलों में 60 प्रतिशत होता है तोरिया-सरसों का उत्पादन
बता दें कि रामपुरा भिवानी, महेन्द्रगढ़, हिसार, रोहतक, झज्जर और रेवाड़ी जैसे प्रमुख सरसों उत्पादक जिलों से जुड़ा हुआ है। ये जिले संयुक्त रूप से हरियाणा के कुल तोरिया-सरसों उत्पादन का लगभग 60 प्रतिशत योगदान करते हैं, जिससे कच्चे माल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होती है। संयंत्र की वार्षिक आवश्यकता 45,000 मीट्रिक टन होगी, जो कैचमेंट क्षेत्र की उपलब्धता का लगभग 10 प्रतिशत है। इस प्रकार, संयंत्र का संचालन नियमित और स्थिर रहेगा।
सड़क और रेल नेटवर्क से जुड़ा है क्षेत्र
प्रस्तावित स्थल कैचमेंट क्षेत्र से 200 किलोमीटर की परिधि में स्थित है और बेहतरीन सड़क और रेल नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। इससे सुचारू खरीद, परिवहन और वितरण के साथ-साथ प्रदेश के तिलहन क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता और मजबूत होगी।
बैठक में कौन-कौन रहा मौजूद
बैठक में नगर एवं ग्राम आयोजना तथा शहरी सम्पदा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री ए.के. सिंह, सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विजयेंद्र कुमार, हैफेड के प्रबंध निदेशक श्री मुकुल कुमार तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।