Haryana News: हरियाणा में पराली जलाई तो होगी कार्रवाई, प्रशासन रखेगा नजर, जानें कैसे करेगा काम ?

जानकारी के मुताबिक, एडीसी एवं जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इस समिति की अध्यक्षता करेंगे। जो रोकथाम और नियंत्रण हेतु व्यापक उपाय तैयार कर उन्हें लागू करेगी। यह समिति कृषि, पंचायती राज, पुलिस, उद्योग और सीएसआर भागीदारों के साथ समन्वय स्थापित कर हैप्पी सीडर, सुपर एसएमएस, बेलर, मल्चर और अन्य मशीनों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी।
इसके लिए पंचायत/सामुदायिक भूमि में भंडारण स्थलों की पहचान भी करेगी और पराली के औद्योगिक उपयोग की निगरानी भी करेगी।
किसानों को करेंगे जागरूक कर , दिलाई जाएगी शपथ
वहीं उपमंडल स्तर पर, एसडीएम के अधीन समितियां भी गठित की गई हैं, जो कटाई और अवशेष प्रबंधन की निगरानी करेंगी। ग्राम सभाएं आयोजित करेगी और पराली जलाने के खिलाफ शपथ दिलाएंगी। पुलिस और कृषि कर्मचारी देर शाम तक हॉटस्पॉट गांवों में गश्त करेंगे। पुलिस, राजस्व, कृषि और पंचायत अधिकारियों से युक्त एक पराली सुरक्षा बल आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करवाएगा। किसान एसडीएम द्वारा जारी वाट्सएप हेल्पलाइन पर घटनाओं की सूचना दे सकते हैं।
क्या बोले डीसी
वहीं डीसी ने कहा कि पराली को अपशिष्ट नहीं, बल्कि एक मूल्यवान संसाधन माना जाना चाहिए। जिला समिति पराली को आय-उत्पादक उत्पादों में बदलने के लिए किसानों, उद्योगों, सीएसआर भागीदारों और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को जोड़कर विभिन्न हितधारकों के सहयोग को प्रोत्साहित करेगी। इसमें पार्टिकल बोर्ड, पैकेजिंग सामग्री, बायोडिग्रेडेबल वस्तुओं, पेलेट्स, थर्मल पावर प्लांट और ईंट भट्टों के लिए ब्रिकेट और मृदा स्वास्थ्य सुधार के लिए बायोचार की इकाइयों की स्थापना शामिल है।