Haryana News: हरियाणा की जेलें हाई-टेक होंगी! अपराधियों की ऐसे होगी पहचान

इन तकनीकों का इस्तेमाल अपराधियों की यूनिक बायोमेट्रिक प्रोफाइल बनाने के लिए किया जाएगा, जिसमें फिंगरप्रिंट, चेहरे की विशेषताएं, रेटिना स्कैन और DNA सैंपल शामिल होंगे। यह जानकारी 75 साल तक स्टोर की जाएगी।
जेलों के महानिदेशक आलोक कुमार राय ने कहा कि यह पहल पारंपरिक पहचान सिस्टम से आगे होगी, जिससे आपराधिक गतिविधियों की सटीक मॉनिटरिंग, ट्रैकिंग और विश्लेषण संभव होगा।
MCU द्वारा एकत्र किए गए डेटा को स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (SCRB) में सुरक्षित रूप से स्टोर किया जाएगा और नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के साथ साझा किया जाएगा। इसके अलावा, फिंगरप्रिंट और रेटिना स्कैन डेटा सीधे नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (NAFIS) पर अपलोड किया जाएगा।
NAFIS देश भर के अपराधियों, कैदियों और संदिग्धों का डेटा रखने वाला एक राष्ट्रीय डेटाबेस है। इससे आपराधिक नेटवर्क की बेहतर ट्रैकिंग और अपराध को रोकने में मदद मिलेगी। पंचकूला के सेक्टर 14 स्थित अपने कार्यालय से आलोक कुमार राय ने कहा कि यह तकनीकी पहल राज्य में आपराधिक न्याय प्रणाली को और मजबूत करेगी।
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