Haryana News: मेक इन हरियाणा इंडस्ट्रियल पॉलिसी 2025 को लेकर आया बड़ा अपडेट, 10 लाख से ज्यादा युवाओं को मिलेगा रोजगार, इतने करोड़ का होगा निवेश 

 
Haryana News: मेक इन हरियाणा इंडस्ट्रियल पॉलिसी 2025 को लेकर आया बड़ा अपडेट, 10 लाख से ज्यादा युवाओं को मिलेगा रोजगार, इतने करोड़ का होगा निवेश
Haryana News: हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा को साल 2047 तक एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए "मेक इन हरियाणा इंडस्ट्रियल पॉलिसी-2025" एक मजबूत नींव होगी। इस पॉलिसी से प्रदेश में पांच लाख करोड़ रुपए निवेश और रोजगार के 10 लाख नए अवसर पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने यह बात बुधवार को गुरुग्राम के ग्रैंड हयात होटल में हितधारकों के साथ इस पॉलिसी के प्रावधानों को  लेकर परामर्श बैठक को संबोधित करते हुए कही।

 जानकारी के मुताबिक, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साल 2047 में विकसित भारत के संकल्प में हरियाणा एक प्रमुख भागीदार राज्य होगा। भारत को आत्मनिर्भर और विकसित बनाने में उद्योग जगत की प्रमुख भूमिका होगी। सरकार आपके हितों को लेकर बेहद सजग है। ऐसे में आप भी बाजार के अनुकूल अच्छे व सस्ते प्रोडक्ट तैयार करें ताकि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में हमारे प्रोडक्ट पीछे न रहे।

 राव नरबीर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है। उद्योग जगत आगे बढ़ेगा तो देश भी आगे बढ़ेगा। सरकार आपको सभी सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। आज की बैठक में उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने जो भी सुझाव रखे है। उनका अध्ययन करवाकर सभी आवश्यक सुझावों को नई नीति में शामिल किया जाएगा। उद्योगपतियों की सुविधा के लिए सभी औद्योगिक क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं और अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। इससे पहले मंत्री ने उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने "मेक इन हरियाणा इंडस्ट्रियल पॉलिसी 2025" में मिलने वाली सुविधाओं व इंसेंटिव को लेकर हरियाणा सरकार की प्रशंसा की और अपने सुझाव भी दिए। उद्योग जगत द्वारा रखे गए सुझावों को ध्यानपूर्वक सुना और अधिकारियों से चर्चा कर उन्हें नीति में शामिल करने के निर्देश दिए।

 

'कॉस्ट ऑफ डूइंग बिजनेस' कम करने में सहायक होगी  हरियाणा की नई औद्योगिक पॉलिसी : डॉ अमित अग्रवाल

 

उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ अमित कुमार अग्रवाल ने परामर्श बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार अब केवल 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि 'कॉस्ट ऑफ डूइंग बिजनेस' कम करने और 'राइट टू बिजनेस' जैसी अवधारणाओं को भी आगे बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि यह नीति हरियाणा को आने वाले वर्षों में देश का सबसे आकर्षक और प्रतिस्पर्धी निवेश गंतव्य बनाएगी। नई नीति केवल वित्तीय प्रोत्साहनों तक सीमित नहीं है, बल्कि उद्योगों को एक सक्षम इकोसिस्टम उपलब्ध कराने पर केंद्रित है। सरकार ने व्यवसाय करने में आने वाली 23 प्रमुख बाधाओं की पहचान कर ली है और 31 दिसंबर तक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, श्रम एवं शहरी नियोजन से जुड़ी रुकावटों को दूर करने का लक्ष्य रखा है। साथ ही ब्लॉक ए और बी दोनों क्षेत्रों को समान अवसर दिए जाएंगे, ताकि निवेश पूरे राज्य में संतुलित रूप से बढ़ सके।

 

डॉ अमित अग्रवाल ने बताया कि हरियाणा की जीडीपी पिछले 10 वर्षों में लगभग 11% की दर से बढ़ी है, जो राष्ट्रीय औसत से 3–4% अधिक है। राज्य प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह में देश में सबसे आगे है और अपने खर्च का 80% खुद अर्जित करने वाला सबसे आत्मनिर्भर राज्य है। उन्होंने कहा कि सरकार एक एआई-आधारित पोर्टल अगले दो महीनों में लॉन्च करने जा रही है, जिससे उद्योगों के लिए लाभ और सेवाओं का सरल, पारदर्शी व प्रभावी उपयोग संभव होगा। नई नीति में ओपेक्स और कैपेक्स आधारित लचीले प्रोत्साहन, 15–16 क्षेत्रों के लिए सेक्टोरल नीतियां तथा अल्ट्रा मेगा और मेगा परियोजनाओं के लिए स्पष्ट पैकेज शामिल किए गए हैं।

 

नई नीति को बनाया गया है और अधिक लचीला व गतिशील : डॉ यश गर्ग

 

उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक डॉ. यश गर्ग ने कहा कि नई औद्योगिक नीति ‘मेक इन हरियाणा 2025’ केवल एक औपचारिक कदम नहीं बल्कि एक महत्वपूर्ण संवाद है। वैश्विक परिदृश्य में आत्मनिर्भरता बेहद जरूरी है, इसके लिए नई इंडस्ट्री की स्थापना, नवाचार, वैश्विक प्रतिस्पर्धा और वैल्यू चेन इंटीग्रेशन को बढ़ावा दिया जाएगा। डॉ गर्ग ने कहा कि हरियाणा में पॉलिसी 2020 के माध्यम से राज्य में पर्याप्त निवेश आया और उद्योगों का उल्लेखनीय विस्तार हुआ। लेकिन बदलते समय और वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए औद्योगिक संस्थानों के साथ विस्तृत चर्चा के उपरांत नई नीति को और अधिक लचीला, गतिशील और टिकाऊ बनाया गया है। डॉ. गर्ग ने स्पष्ट किया कि हरियाणा सरकार केवल एक रेगुलेटर की भूमिका नहीं निभाना चाहती, बल्कि उद्योगों की सहयोगी एवं फैसिलिटेटर के रूप में कार्य करना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार और उद्योगों के संयुक्त प्रयास से ही हरियाणा को औद्योगिक रूप से देश का अग्रणी राज्य बनाया जा सकेगा और वैश्विक स्तर पर यहां के उत्पाद अपनी पहचान स्थापित कर सकेंगे।