Haryana News: हरियाणा सरकार का बड़ा ऐलान, भ्रष्ट सरपंचों पर नकेल कसने के लिए लिया ये फैसला

दरअसल, सैनी सरकार पंचायती राज अधिनियम धारा 53 की उपधारा (5) में संशोधन करने जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके तहत कोई सरपंच या पंच के कार्यकाल में विकास कार्यों में अनियमितताएं मिलती हैं तो गड़बड़ी होने की तारीख से छह साल तक या फिर सरपंच के पद से हटने के दो साल तक, जो भी बाद में होगा, उस अवधि तक कार्रवाई की जा सकेगी।
ऐसे में किसी सरपंच के कार्यकाल के आखिरी साल में कोई घोटाला सामने आता है तो 6 साल तक उससे नुकसान की भरपाई करवाई जा सकेगी। भले ही सरपंच पद से हटने के दो साल की अवधि क्यों न बीत गई हो। जबकि मौजूदा प्रावधान में ऐसा नहीं था और भ्रष्ट सरपंच और पंच आसानी से बच कर निकल जाते थे।
क्या है मौजूदा प्रावधान में
खबरों की मानें, तो मौजूदा प्रावधान में सिर्फ यही अंतर है कि दोनों में जिसकी अवधि पहले खत्म होती थी, उसी समयावधि तक सरपंच को नोटिस भेजकर कार्रवाई कर दी जाती थी। वहीं अगर किसी सरपंच के आखिरी कार्यकाल में गड़बड़ी सामने आई और जांच में दो से तीन साल लग गए तो उसके बाद उसे नोटिस जारी नहीं किया जा सकता था। ऐसे में जो नुकसान हुआ है, उसकी वसूली नहीं की जा सकती थी। ऐसे में कई बार तो शिकायतें सरपंचों के पद से हटने के बाद आती थी और यह भी देखा जाता है कि शिकायत आने के बाद सरपंच व पंच जानबूझ कर देरी करते थे या फिर जांच में सहयोग नहीं करते थे, ताकि, किसी तरह कार्यकाल खत्म होने के बाद दो साल का वक्त भी बीत जाए। इससे ग्राम पंचायत की राशि या संपत्ति के नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती है।