Haryana News: हरियाणा के सीएम सैनी ने किया बड़ा ऐलान, इन 12 जिलों के 1402 गांव के किसानों को मिलेगा मुआवजा

 
Haryana CM Saini made a big announcement, e-compensation portal opened for farmers of 1402 villages in these 12 districts

Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बड़ा ऐलान किया है। दरअसल, हाल ही में आई बाढ़, जल भराव और भारी वर्षा के कारण प्रभावित किसानों की फसलों को देखते हुए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल को 10 सितंबर 2025 तक खुला रखा जाएगा।  इससे 12 जिलों के 1402 गांवों के किसान खरीफ 2025 के दौरान हुई फसल क्षति का रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। 

ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल के आंकड़ों की मानें, तो अब तक कुल 38,286 किसानों ने अपनी फसल क्षति का दावा दर्ज कराया है। रजिस्ट्रेशन कुल क्षेत्रफल 2,42,945.15 एकड़ तक पहुंच चुका है। खरीफ 2025 में फसल क्षति रजिस्ट्रेशन के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल शुरू में 7 जिलों के 188 गांवों के लिए खोला गया था। जिनमें रोहतक के 21, हिसार के 85, चरखी दादरी के 13, पलवल के 17, सिरसा के 2, भिवानी के 43 और रेवाड़ी के 7 गांव शामिल थे। इसके बाद इसका दायरा बढ़ाकर 12 जिलों के 1402 गांवों तक कर दिया गया है। 

इन जिलों के है इतने गांव 

-रोहतक (41)

- हिसार (86)

- चरखी दादरी (34)

-पलवल (59)

- सिरसा (6)

- भिवानी (43)

- रेवाड़ी (7)

-कुरुक्षेत्र (75)

-यमुनानगर (600 - सभी गांव)

- नूंह (166)

-फतेहाबाद (21)

-झज्जर (264 -सभी गांव)।

 

10 सितंबर तक करा सकेगे रजिस्ट्रेशन

अब इन 12 जिलों के सभी प्रभावित किसान 10 सितंबर 2025 तक अपने दावे पोर्टल पर दर्ज करा सकेंगे। 

किसान जल्द कराएं रजिस्ट्रेशन

बताया जा रहा है कि जिला राजस्व अधिकारी पोर्टल के माध्यम से प्राप्त दावों का सत्यापन विशेष गिरदावरी के रूप में करेंगे। इन आकलनों के आधार पर निर्धारित मानकों के अनुसार किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। प्रवक्ता ने किसानों से अपील की है कि वे बढ़ी हुई समयसीमा का लाभ उठाते हुए जल्द से जल्द फसल क्षति का रजिस्ट्रेशन कराएं।

ऐसे मिलेगा किसानों को मुआवजा

प्रवक्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) के मानकों के तहत बाढ़, पानी भराव और भारी वर्षा की घटनाएं ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दावा रजिस्ट्रेशन के लिए मान्य हैं। प्रभावित किसानों की ओर से दावा दर्ज कराने के बाद पटवारी, कानूनगो, सर्कल रेवेन्यू ऑफिसर, डीआरओ, SDO (सी), उपायुक्त और मंडल आयुक्त स्तर तक राजस्व अधिकारी फसल क्षति का आकलन करेंगे और मुआवजा जारी करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।