IAS Success Story: बिना कोचिंग के IAS अफसर बनीं सोनिया मीणा, अब खनन माफियाओं के लिए बन चुकी काल
 
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IAS Success Story: मध्य प्रदेश की चर्चित और सख्त अफसर IAS सोनिया मीणा का नाम सुनकर खनन माफिया आज भी कांप उठते हैं। वे वर्तमान में नर्मदापुरम (होशंगाबाद) की कलेक्टर हैं और अपने तेज़ प्रशासनिक फैसलों के लिए जानी जाती हैं। सोनिया 1988 बैच के केरल कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी टीकाराम मीणा की बेटी हैं। पिता की प्रेरणा ने ही उन्हें सिविल सेवा में आने की राह दिखाई।

बिना कोचिंग UPSC में हासिल की 36वीं रैंक

सोनिया मीणा ने साल 2013 की UPSC परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 36 हासिल कर आईएएस बनने का गौरव पाया। खास बात यह रही कि उन्होंने यह सफलता बिना किसी कोचिंग के, पूरी तरह स्वअध्ययन के बल पर हासिल की थी। सोनिया का मानना है कि मजबूत आत्मविश्वास, अनुशासन और सही रणनीति से कोई भी उम्मीदवार सिविल सेवा परीक्षा पास कर सकता है।

दिल्ली यूनिवर्सिटी और JNU से की पढ़ाई

राजस्थान मूल की सोनिया मीणा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली का रुख किया। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (SRCC) से पॉलिटिकल साइंस में बीए ऑनर्स किया और इसके बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से मास्टर्स डिग्री हासिल की। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने तय कर लिया था कि वे अपने पिता की तरह देश की सेवा प्रशासनिक अधिकारी बनकर करेंगी।

खनन माफियाओं पर कड़ा एक्शन

IAS सोनिया मीणा उस समय सुर्खियों में आईं जब उन्होंने खनन माफियाओं के खिलाफ लगातार अभियान चलाकर अवैध खनन पर नकेल कसी। मध्य प्रदेश में कई जिलों में पोस्टिंग के दौरान उन्होंने माफियाओं पर सख्त कार्रवाई की, जिससे प्रशासनिक क्षेत्र में उनका कद तेजी से बढ़ा। उनकी मुहिम की राज्यभर में सराहना हुई और लोग उन्हें “माफिया रोधी अफसर” कहने लगे।