IAS Success Story: IAS श्वेता भारती की सफलता की कहानी, 9 घंटे की नौकरी के साथ UPSC क्रैक कर रचा इतिहास
 
ias shweta bharti
IAS Success Story: देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाने वाली UPSC सिविल सर्विसेज परीक्षा (CSE) को पास करने के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते। कई उम्मीदवार सोशल लाइफ छोड़ देते हैं, दिन-रात की परवाह किए बिना पढ़ाई में डूब जाते हैं, और दोस्तों-रिश्तेदारों से दूरी बना लेते हैं। लेकिन बिहार की रहने वाली IAS श्वेता भारती की कहानी इस सोच को बदल देती है।

श्वेता ने साबित किया कि अगर लगन और अनुशासन हो तो नौकरी के साथ भी UPSC पास किया जा सकता है।

शुरुआती जीवन और शिक्षा

बिहार के नालंदा जिले के राजगीर बाजार की रहने वाली श्वेता भारती बचपन से ही पढ़ाई में बेहद होनहार रही हैं। उनका मानना है कि “पढ़ाई हमेशा सीखने के लिए करनी चाहिए, न कि केवल नंबर लाने या दूसरों को दिखाने के लिए।” इसी सोच ने उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।

श्वेता ने अपनी स्कूली शिक्षा पटना के ईशान इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल से पूरी की। इसके बाद उन्होंने भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल और टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की।

इंजीनियरिंग से सिविल सर्विस तक का सफर

डिग्री पूरी करने के बाद श्वेता का चयन भारत की जानी-मानी मल्टीनेशनल टेक्नोलॉजी कंपनी विप्रो में हुआ। उन्होंने वहीं नौकरी शुरू की और एक स्थिर करियर बना लिया।

लेकिन उनके अंदर कुछ बड़ा करने का सपना था देश की सेवा करने का। वे सिविल सर्विस में जाना चाहती थीं, पर परिवार की जिम्मेदारियों के कारण नौकरी छोड़ना उनके लिए संभव नहीं था। इसलिए उन्होंने एक संतुलित दिनचर्या (Balanced Routine) बनाई दिन में ऑफिस और शाम को पढ़ाई।

बिना नौकरी छोड़े UPSC की तैयारी

UPSC की तैयारी के लिए आमतौर पर कहा जाता है कि उम्मीदवारों को हर दिन 10-12 घंटे की पढ़ाई करनी चाहिए, लेकिन श्वेता ने अपने सीमित समय में भी निरंतर मेहनत जारी रखी। उन्होंने साबित किया कि “Consistency” और “Smart Study” का सही मेल ही सफलता की कुंजी है।

उन्होंने नौकरी के बाद हर दिन कुछ घंटे पढ़ाई के लिए तय किए और छुट्टियों का पूरा इस्तेमाल Revision और Mock Tests के लिए किया।

सफलता की कहानी

अपनी मेहनत और लगन के बल पर श्वेता भारती ने 2021 में UPSC CSE परीक्षा पास कर IAS अधिकारी बनने का सपना पूरा किया। वर्तमान में वे बिहार के भागलपुर में पदस्थापित हैं।