कक्षा 8 से ही ठान लिया था IAS बनने का सपना
अश्वथी एस की कहानी देश के युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि जब वह कक्षा 8वीं में थीं, तभी उन्होंने तय कर लिया था कि वह आईएएस अधिकारी बनेंगी। जीवन में कई कठिनाइयाँ आईं, लेकिन उन्होंने अपने लक्ष्य से समझौता नहीं किया।
आर्थिक तंगी में बीता बचपन
अश्वथी का बचपन बहुत कठिनाइयों से भरा रहा। उनके पिता कंस्ट्रक्शन साइट पर मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते थे। परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर थी कि कभी-कभी पढ़ाई जारी रखना भी चुनौती बन जाता था। इसके बावजूद, अश्वथी ने अपने आत्मविश्वास और लगन को कभी कमजोर नहीं पड़ने दिया।
इंजीनियरिंग के बाद TCS में मिली पहली नौकरी
12वीं कक्षा के बाद अश्वथी ने तिरुअनंतपुरम के बार्टन हिल कॉलेज में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। पढ़ाई पूरी करने के बाद, 2015 में उनकी नौकरी टीसीएस (TCS), कोच्चि में लग गई। नौकरी के साथ-साथ उन्होंने अपने UPSC के सपने को भी जीवित रखा और तैयारी जारी रखी।
तीसरे प्रयास में हासिल की सफलता
अश्वथी ने पहली बार 2018 में UPSC परीक्षा दी थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। दूसरे प्रयास में वह प्रीलिम्स परीक्षा भी पास नहीं कर पाईं। बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और 2020 में तीसरे प्रयास में UPSC परीक्षा पास कर इतिहास रच दिया।
