IAS Pari Bishnoi: सपने जब खुली आंखों से देखे जाते हैं, तो उनकी वा
स्तविकता पाने तक चैन की सांस नहीं मिलती। कुछ ऐसा ही परी बिश्नोई के साथ हुआ। 12वीं कक्षा में ही उन्होंने ठान लिया था कि वह आईएएस अफसर बनेंगी और इसके लिए यूपीएससी परीक्षा देंगी। हालांकि, यह सफर आसान नहीं था। दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक सिविल सेवा परीक्षा (UPSC) क्रैक करना कई रातों की मेहनत और लगन का परिणाम होता है। परी बिश्नोई ने भी दिन-रात मेहनत करके इस मुकाम को हासिल किया।
कठिन सफर, लेकिन हौसले बुलंद
26 फरवरी 1996 को राजस्थान के बीकानेर में जन्मीं परी के लिए यह सफर उतना आसान नहीं था जितना बाद में सफलता मिलने पर लगता है। उन्होंने स्कूल की पढ़ाई अजमेर के सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल से की। 12वीं के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद सरकारी नौकरी की तैयारी के लिए अजमेर की एमडीएस यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई शुरू की।
डिग्री हासिल होने के बाद परी ने यूपीएससी परीक्षा के दो अटेम्प्ट के अलावा NET JRF Exam भी दिया और उसमें सफलता पाई।

यूपीएससी में करियर बनाने का जुनून
नेट-जेआरएफ परीक्षा में पास होने के बावजूद उनका लक्ष्य यूपीएससी क्रैक करना ही था। लगातार प्रयास और मेहनत के बाद साल 2019 में तीसरे अटेंप्ट में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 30वीं हासिल कर सफलता पाई।
बिश्नोई समाज की पहली महिला आईएएस
30वीं रैंक के साथ परी को सिक्किम कैडर में आईएएस अफसर नियुक्त किया गया। बाद में उनकी शादी हरियाणा के युवा नेता भव्य बिश्नोई से हुई और इसके बाद उन्होंने हरियाणा कैडर में ट्रांसफर कराया।

परी के पिता मनीराम बिश्नोई एडवोकेट हैं और माता सुशीला बिश्नोई अजमेर में जीआरपी थानाधिकारी। अपनी खूबसूरती और मेहनत के कारण परी अक्सर चर्चा में रहती हैं। यूपीएससी की तैयारी के दौरान उन्होंने सोशल मीडिया और मोबाइल फोन से दूरी बना ली थी।
उनकी शादी हरियाणा के आदमपुर से पूर्व विधायक भव्य बिश्नोई के साथ हुई है जो पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई के बेटे है और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पोते हैं।
