हरियाणा में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से एक बार फिर मौसम बदलने वाला है। 14 से 16 फरवरी के बीच प्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी जिलों में हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना जताई गई है, जिससे लगातार बढ़ रही गर्मी से राहत मिलेगी।
हरियाणा में गर्मी का बढ़ता असर
प्रदेश में गर्मी तेजी से बढ़ रही है, जिसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हरियाणा के 7 जिलों में तापमान 28 डिग्री के पार चला गया है। इनमें यमुनानगर, रोहतक, फरीदाबाद, पलवल, महेंद्रगढ़, नारनौल और गुरुग्राम सबसे गर्म रहे। हालांकि, हिसार में तापमान में मामूली गिरावट दर्ज की गई है।
सोमवार को हिसार में अधिकतम तापमान 28.4 डिग्री दर्ज किया गया था, लेकिन बुधवार को यह 26.9 डिग्री पर आ गया। गौरतलब है कि हिसार में 14 साल का तापमान रिकॉर्ड टूटा, जब 2011 के बाद पहली बार 10 फरवरी तक तापमान 28 डिग्री को पार कर गया।
तापमान में गिरावट की संभावना: विशेषज्ञों की राय
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि 15 फरवरी तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है।
- 14 से 16 फरवरी के बीच पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से हवाओं में बदलाव होगा।
- 16 फरवरी को दक्षिण-पश्चिमी हरियाणा के कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी हो सकती है।
- इससे दिन के तापमान में हल्की गिरावट आने की संभावना है।
बढ़ते तापमान का गेहूं की फसल पर असर
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि फरवरी में बढ़ता तापमान गेहूं की फसल पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इससे फसल बौनी हो सकती है और दाने कमजोर बनने की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने गेहूं की सर्विलांस बढ़ा दी है और किसानों को तापमान के असर से निपटने के उपाय बताए जा रहे हैं। किसानों को सलाह दी गई है कि वे 2% पोटैशियम और नाइट्रेट का स्प्रे करें ताकि फसल पर बढ़ते तापमान का असर कम किया जा सके।
हरियाणा में आने वाले दिनों में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। जहां एक ओर हल्की बूंदाबांदी से तापमान में गिरावट आने की उम्मीद है, वहीं दूसरी ओर किसानों के लिए गेहूं की फसल को बचाने के उपायों पर ध्यान देना जरूरी होगा।
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