दिल्ली से आसान होगा गुरुग्राम का सफर, केवल 25-30 मिनट में पहुंचेंगे, जानें कैसे?

 
Travelling to Gurugram from Delhi will be easy, you will reach in just 25-30 minutes, know how?
दिल्ली और गुरुग्राम के बीच का सफर जल्द आसान होने वाला है। दरअसल, जल्द ही एनएच-48 और एमजी रोड पर रोजाना के ट्रैफिक जाम से राहत मिल सकती है। खबरों की मानें, तो दिल्ली के ग्यारह मूर्ति या तालकटोरा स्टेडियम से शुरू होने वाले एक नए कॉरिडोर पर विचार किया जा रहा है। ताकि, भीड़भाड़ कम की जा सके और यात्रा का समय लगभग 30 मिनट तक कम किया जा सके।

जानकारी के मुताबिक, यह प्रस्ताव लुटियंस दिल्ली और मध्य दिल्ली में भीड़भाड़ कम करने की एक बड़ी योजना का हिस्सा है। चर्चा में एक अन्य प्रोजेक्ट में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को नियोजित एम्स-महिपालपुर कॉरिडोर से जोड़ने वाला एक एलिवेटेड कॉरिडोर या सुरंग शामिल है।

खबरों की मानें, तो पिछले महीने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में एक हाईलेवल मीटिंग में दोनों परियोजनाओं पर चर्चा की गई थी। सरकार ने पहले एम्स से महिपालपुर बाईपास तक 20 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड कॉरिडोर का प्रस्ताव रखा था। इससे महरौली-गुड़गांव रोड और रिंग रोड पर दबाव कम होने की उम्मीद है। यह नया लिंक नेल्सन मंडेला मार्ग से एक सुरंग के माध्यम से गुड़गांव-फरीदाबाद रोड तक भी विस्तारित हो सकता है।

तीन प्रमुख एक्सप्रेसवे होंगे कनेक्ट

अधिकारियों ने बताया कि तीन प्रमुख एक्सप्रेसवे - दिल्ली-मेरठ, दिल्ली-देहरादून और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का डीएनडी-सोहना लिंक - जल्द ही सराय काले खां के पास मिलेंगे, जिससे मध्य दिल्ली में यातायात का दबाव बढ़ जाएगा।

खबरों की मानें, तो गडकरी ने एनएचएआई को एम्स-महिपालपुर परियोजना की बोली में इन दोनों प्रस्तावित कॉरिडोर को शामिल करने का निर्देश दिया है। अकेले इस कॉरिडोर की लागत 5,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

दिल्ली के सीएम ने की 1,500 करोड़ रुपये की मांग

इस बीच, सड़क परिवहन मंत्रालय शहरी भीड़भाड़ कम करने की नीति पर काम कर रहा है। दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने शहर की सड़कों के सुधार के लिए Central Road Infrastructure Fund से 1,500 करोड़ रुपये की भी मांग की है।

अधिकारियों ने बताया कि 63,000 करोड़ रुपये की पूरी हो चुकी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से यातायात सुगम हो गया है, जबकि 34,589 करोड़ रुपये के काम अभी भी जारी हैं। दिल्ली-एनसीआर में यातायात में सुधार के लिए 23,850 करोड़ रुपये की अन्य परियोजनाओं की योजना बनाई जा रही है।