हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव औंधे मुँह गिरा, सीएम ने पढ़ा लंबा चौड़ा भाषण

 
हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव औंधे मुँह गिरा, सीएम ने पढ़ा लंबा चौड़ा भाषण
हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस विधायकों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव औंधे मुह गिरा। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान हुई चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि विपक्ष सरकार पर जो भी आरोप लगाए, वे तथ्यों, सच्चाई और जमीनी हकीकत पर आधारित होने चाहिए, न कि निराशा, हताशा और राजनीतिक कुंठा से उपजे हुए। इस प्रस्ताव को देखकर पहली नजर में ही कहा जा सकता है कि यह जल्दबाजी में केवल प्रस्ताव लाने के लिए लिखा गया है। कोई गंभीरता इसमें दिखाई नहीं देती।

 

उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव में केवल एक आंकड़ा है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि इस अविश्वास पत्र में महंगाई शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है। स्पष्टत: विपक्ष भी मानता है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में महंगाई कम हुई है।

 

उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव में सरकार पर लगाया गया पहला आरोप है कि “सरकार ने लोकतंत्र को तंत्र-लोक में बदल दिया है।” उन्हें शायद यह नहीं मालूम कि भारतीय संस्कृति में तंत्रलोक कोई अपशब्द नहीं है। वरन यह कश्मीर शैव दर्शन के एक महान ग्रंथ का नाम है, जिसे आचार्य अभिनव गुप्त जी ने 10वीं शताब्दी में रचा था। वे भारत के एक महान दार्शनिक, आचार्य और साधक थे। मुख्यमंत्री ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या कांग्रेस के विधायक शब्दों का अर्थ और संदर्भ भी भूल गए हैं। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि शब्द जब अर्थ खो देते हैं,तो संवाद शोर बन जाता है।

 

श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव में एक बड़े अंग्रेजी वाक्यांश “टनल विज़न” का प्रयोग करके सरकार की सोच पर संकीर्णता का आरोप लगाया गया है। उन्होंने कहा कि हमारा विजन संकीर्ण नहीं, वरन अर्जुन के निशाने कि तरह फोकस्ड है। राज्य सरकार का विजन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिए गए विकसित भारत @ 2047 के संकल्प को साकार करना है। उनके नेतृत्व में “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के मूल मंत्र पर चलते हुए तथा पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय दर्शन से प्रेरणा लेकर सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति के जीवन को संवारने के लिए कटिबद्ध, प्रतिबद्ध और कार्यरत है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 से पहले ही विकसित हरियाणा के अपने विजन को राज्य सरकार धरातल पर उतार कर दिखाएगी। हमारी परिकल्पना में विकसित हरियाणा में न केवल हर परिवार में समृद्धि होगी बल्कि गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर जी की वो परिकल्पना भी साकार होगा कि “Where the mind is without fear and the head is held high, where knowledge is free.” “चित्त जेथा भय शून्य, उच्च जेथा सिर और ज्ञान जेथा मुक्त।“

 

उन्होंने कहा कि लगातार पिछले 11 वर्षों से भी अधिक समय से दिन – रात प्रदेश के गरीब से गरीब व्यक्ति के जीवन स्तर को ऊपर उठाने, हर किसान की आय बढ़ाने, हर बेटी को सुरक्षा और सम्मान देने, हर महिला को स्वावलंबी बनाने, हर युवा को बिना पर्ची और बिना खर्ची के पारदर्शी तरीके से रोजगार देने और शासन को जवाबदेह, पारदर्शी तथा संवेदनशील बनाने में पूरी मेहनत और निष्ठा से कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि जहां अंतिम पंक्ति में खड़ा व्यक्ति मुस्कराए, वहीं सच्चा विकास होता है।

 

श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि देश का हर व्यक्ति हर रोज अपनी आँखों से देखता है कि कैसे पिछले 11 वर्षों में केंद्र सरकार ने पूरे देश में सड़कों और हाईवेज का जाल बिछा दिया है। प्रधानमंत्री के यशस्वी नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में देश में 2500 किलोमीटर लंबाई की विभिन्न सुरंगें बनी हैं, जिनमें केवल रेलवे की 460 किलोमीटर लंबी सुरंगें शामिल हैं। देश को कश्मीर से जोड़ने वाली डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी टनल तथा बनिहाल-काजीगुंड टनल जैसी परियोजनाएँ भारत की इंजीनियरिंग क्षमता और राजनीतिक इच्छा-शक्ति की जबरदस्त परिचायक है। पूरे देश ने देखा कि कैसे वर्ष 2017 में संगलदान रेलवे टनल और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी टनल के लोकार्पण ने यह सिद्ध कर दिया कि दुर्गम पहाड़, मौसम और चुनौतियां नए भारत की प्रगति को अब रोक नहीं सकतीं। पिछले वर्ष 2024 में, यूएसबीआरएल परियोजना की 12.7 किलोमीटर लंबी टी-50 रेलवे टनल ने जम्मू-कश्मीर को देश के रेल मानचित्र पर भी मजबूती से स्थापित किया।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में भी हरियाणा बॉर्डर से दिल्ली हवाई अड्डे तक बनी टनल  नागरिकों को मिली सुविधा, आवागमन में समय की बचत और तकनीकी दक्षता का प्रतीक के रूप में उभरी है। यही नहीं, कुंडली से मानेसर तक के.एम.पी. के साथ-साथ राज्य  सरकार द्वारा हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के अंतर्गत एक किलोमीटर से अधिक लंबी टनल बनाई जा रही है। वर्ष 2020 में बनी मनाली को लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़ने वाली 9 किलोमीटर लंबी अटल टनल दुनिया की सबसे ऊंची हाईवे सुरंग है। इसका नाम भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के नाम पर रखा गया है। इस देश में सड़कों का जाल बिछाने का विजन श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का ही था। श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के कार्यकाल में भारत ने विकास की नई गति पकड़ी। स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना से 14,000 कि.मी. लंबे राजमार्ग बने। उन द्वारा शुरू कि गई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से समूचे देश के दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में भी सड़कें पहुंचीं। हरियाणा को भी इस योजना का बड़ा लाभ मिला। इसके तहत राज्य में लगभग 3,500 कि.मी. लंबी सड़कें बनी। उन्हीं के कार्यकाल में दिल्ली मेट्रो की नींव रखी गई, जो आज राजधानी का जीवन रेखा है। सरदार सरोवर बांध जैसी जल परियोजनाओं से सिंचाई बढ़ी। वाजपेयी जी का 'इंडिया शाइनिंग' विजन आज भी पूरे देश की प्रेरणा का स्रोत है। हमारा विकास का विजन वाजपेयी जी के कार्यकाल से ही विकसित हुआ था, जो अब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ सबका विकास के विजन के रूप में विकसित हो चुका है।

 

मुख्यमंत्री ने 24 दिसंबर को पंचकूला में आयोजित होने वाले अटल जी की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम के लिए सदन के सभी सदस्यों को दिया न्योता

 

श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्मदिन की पूर्व संध्या पर आगामी 24 दिसंबर को पंचकूला में उनकी प्रतिमा का अनावरण केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह द्वारा किया जाएगा। इस कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री ने सदन के सभी सदस्यों को न्योता दिया और कहा कि जो भी अटल जी के प्रति श्रद्धा भाव रखते हैं, वे इस कार्यक्रम में जरूर शामिल हों। उन्होंने कहा कि 24 दिसम्बर की अपनी यात्रा के दौरान पंचकूला के इंद्रधनुष ऑडिटोरीयम में श्री अमित शाह हरियाणा सरकार का हरियाणा विज़न 2047 नामक विज़न डॉक्यूमेंट को भी रिलीज करेंगे। इसके अलावा, आगामी 25 दिसंबर को पूरा देश उनके जन्मदिन को हर साल की तरह सुशासन दिवस के रूप में मनाएगा। उन्होंने देश में सुशासन के लिए बड़े सुधार किए थे। इसलिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने उनके जन्मदिन को सुशासन दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था।

 

*प्रदेश में सभी बड़े अपराधों में आई भारी कमी*

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने जनसेवा का दायित्व संभालते ही स्पष्ट कहा था कि हरियाणा की धरती पर अपराधियों के लिए कोई स्थान नहीं है। या तो अपराधी सुधरें या हरियाणा छोड़ दें। यह केवल एक वक्तव्य नहीं था, बल्कि सरकार की नीति और नीयत का स्पष्ट संकेत था। यह रिकार्ड की बात है कि उनके जन सेवा का दायित्व संभालने के बाद अब तक प्रदेश में अपराध कर विदेशों में भागे 7 अपराधियों को थाईलैंड, फिलीपींस, अर्मेनिया, कजाकिस्तान, कंबोडिया और यूएसए से वापिस लाकर हरियाणा पुलिस ने जेलों में डाला है।

 

उन्होंने कहा कि सरकार की सख्त नीतियों और प्रभावी पुलिसिंग के कारण संगठित अपराध, अंतर्राज्यीय गिरोहों और साइबर अपराध के विरुद्ध ठोस सफलता मिली है। पिछले 11 वर्षों के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में सभी बड़े अपराधों में भारी कमी आई है। हत्या के मामलों में 12.75 प्रतिशत, डकैती में 49.41 प्रतिशत, दंगों में 20.78 प्रतिशत और लूट के मामलों में 10.52 प्रतिशत की कमी आई। जबकि, कांग्रेस के 10 सालों के कार्यकाल में इन सभी मामलों में बड़ी भारी बढ़ोतरी हुई थी। वर्ष 2004 से 2014 तक प्रदेश में हत्या के मामलों में 50.88 प्रतिशत, डकैती में 230.76 प्रतिशत, दंगों में 178 प्रतिशत और लूट के मामलों में 258.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।

 

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ‘ऑपरेशन क्लीन’ और ‘प्रहरी’ जैसी पहलों में जमीनी स्तर पर ठोस परिणाम दिए हैं। गत 5 नवम्बर से 27 नवम्बर तक चलाये गये ऑपरेशन ट्रैक टाउन से अपराधियों में खौफ है। इस ऑपरेशन में 7,587 अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया। साथ ही 322 अवैध हथियार जब्त किये गये। इसी तरह, गत 1 दिसम्बर से चलाये जा रहे ऑपरेशन हॉटस्पोट डोमिनेशन में 2,200 अपराधी गिरफ्तार किये गये। इन दोनों ऑपरेशन से प्रदेश में मादक पदार्थों की तस्करी और अवैध संपत्तियों पर लगाम लगी है। इसके अलावा, इस वर्ष अब तक एनडीपीएस एक्ट के तहत 3,320 मूकदमें दर्ज करके 6,018 नशा तस्करों को जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया गया है। इसमें से लगभग 1,500 तस्कर दूसरे राज्यों से थे और इन तस्करों की 12 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की गई।

 

*आरबीआई की स्टेटिस्टिक्स रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्र की बेरोजगारी दर अब केवल 3.1 प्रतिशत*

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ने की बात कही, लेकिन हैरानी है कि उन्होंने इसका कोई आंकड़ा नहीं बताया। यहां तक की इस बार सी.एम.आई.ई. नामक संस्था की किसी रिपोर्ट का भी जिक्र नहीं किया। हालांकि, पिछले सप्ताह जारी की गई भारतीय रिजर्व बैंक की हैंड बुक ऑफ स्टेटिस्टिक्स ऑन इंडियन स्टेटस स्पष्ट बताती है कि हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्र की बेरोजगारी दर अब केवल 3.1 प्रतिशत है। यह उत्तरी भारत के सभी राज्यों में सबसे कम है। पड़ोसी राज्यों जम्मू कश्मीर व हिमाचल में बेरोजगारी की दर 5 प्रतिशत, दिल्ली में 6 प्रतिशत, पंजाब में 5.4 प्रतिशत और राजस्थान में 3.2 प्रतिशत है। इसके अलावा, साल 2022-23 की तुलना में 2023-24 में हरियाणा ने ग्रामीण बेरोजगारी कम करने में बहुत अच्छा काम किया है। इस दौरान हिमाचल में बेरोजगारी दर 1.5 प्रतिशत बढ़ी और जम्मू कश्मीर में भी 1.6 प्रतिशत बढी। वहीं राजस्थान में 0.2 प्रतिशत और पंजाब में सिर्फ 0.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।जबकि हरियाणा में यह गिरावट 2.7 प्रतिशत दर्ज की गई। इसी तरह, हरियाणा में शहरी बेरोजगारी दर केवल 4 प्रतिशत है। यह भी उत्तरी भारत के राज्यों की तुलना में बहुत कम है। हिमाचल में शहरी बेरोजगारी दर 10 प्रतिशत, जम्मू कश्मीर में 11.4 प्रतिशत, पंजाब में 5.6 प्रतिशत, राजस्थान 7.7 प्रतिशत और चण्डीगढ़ में 7.1 प्रतिशत दर्ज की गई है।

 

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने प्रदेश में बेरोजगारी हटाने के ठोस प्रयास किए हैं।  लगभग 2 लाख युवाओं को बिना पर्ची बिना खर्ची केवल मेरिट के आधार पर पक्की सरकारी नौकरियां दी गई हैं और निजी क्षेत्र में भी रोजगार के भरपूर अवसर युवाओं को दिलवाए गए हैं। जबकि कांग्रेस के 10 साल के शासनकाल में केवल 86 हजार सरकारी नौकरियां दी गई।

 

*2014 में भाजपा सरकार बनने से पहले हरियाणा में सरकारी नौकरियां अपने चहेतों को देने के लिए षड्यन्त्र तंत्र काम कर रहा था*

 

श्री नायब सिंह सैनी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश की जनता भली भांति जानती है कि वर्ष 2014 में भाजपा सरकार बनने से पहले हरियाणा में सरकारी नौकरियां अपने चहेतों को देने के लिए एक षड्यन्त्र तंत्र काम कर रहा था। लिखित परीक्षाओं के टॉपर्स को इंटरव्यू में ज़ीरो अंक देकर बाहर किया जाता था। एच.सी.एस. की न जाने कितनी भर्तियों में परिणाम आने से पहले ही अखबारों में छप जाता था कि किस किस मंत्री, सांसद, विधायक या उच्चाधिकारी के किस किस रिश्तेदार का चयन होगा। इतना ही नहीं, न जाने कितनी भर्तियों की माननीय हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से जांच कारवाई। भाई भतीजावाद और भ्रष्टाचार पर आधारित सरकारी नौकरियों में दशकों से चले आ रहे षड्यन्त्र तंत्र को श्री मनोहर लाल की दृढ़ इच्छाशक्ति ने खत्म किया।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव में बेवजह कोर्ट केस के बहाने भर्तियाँ लटकाई जाने की बात कही गई है। इस बारे में सच्चाई प्रदेश का हर युवा जानता है। बिना पर्ची बिना खर्ची सरकारी नौकरियों की भाजपा सरकार की नीति से बौखला कर प्रदेश में विपक्ष की शह और मदद से एक भर्ती रोको गैंग बना हुआ है, जो पहले मशहूरी के समय, फिर परीक्षा के समय, फिर परिणाम के उपरांत अदालतों में जाकर स्टे ऑर्डर लाने की कोशिश करता है। 

 

उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव में हरियाणा कौशल रोजगार निगम को भी निशाना बनाया गया है। बिना किसी आंकड़े अथवा उदाहरण के कहा गया कि इसके माध्यम से ठेके पर कम मजदूरी पर सरकारी काज को धकेला जा रहा है। सच्चाई तो यह है कि इस निगम का गठन करके प्रदेश के युवाओं को प्राइवेट ठेकेदारों के शोषण से मुक्त किया है। यही नहीं, इसी निगम के माध्यम से कर्मियों को 58 साल की आयु तक नौकरी करने का कानूनी अधिकार एक लाख से भी अधिक कच्चे कर्मचारियों को दिया। 1 लाख 22 हजार युवाओं को इस निगम के माध्यम से नौकरी दी है।

 

*आज प्रदेश में महाविद्यालयों की कुल संख्या बढ़कर हुई 185, जबकि वर्ष 2014 में यह संख्या मात्र 105 थी*

 

श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव में अशिक्षा शब्द का उपयोग भी किया गया है। यह प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर कड़ा प्रहार है। आज हरियाणा की 80 प्रतिशत से ज्यादा जनता पढ़ी – लिखी है। यही नहीं, सरकार ने प्रदेश में आधुनिक शिक्षा के लिए अति आधुनिक शिक्षण संस्थान खोले हैं। हर 20 किलोमीटर की दूरी पर कॉलेज खोले गए हैं। पिछले 11 वर्षों में प्रदेश में 80 नए राजकीय कॉलेज स्थापित किए गए, जिनमें से 30 कॉलेज लड़कियों के हैं। आज प्रदेश में महाविद्यालयों की कुल संख्या बढ़कर 185 हो चुकी है, जबकि वर्ष 2014 में यह संख्या मात्र 105 थी।

 

इसके अलावा, पिछले 11 वर्षों के कार्यकाल में प्रदेश में 13 नए विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं। आज विश्वविद्यालयों की कुल संख्या 56 हो चुकी है, जो वर्ष 2014 में 43 थी। इसी तरह, प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 6 से बढ़कर 17 हो गई है और एम.बी.बी.एस. की सीटें 700 से बढ़कर 2,435 हो चुकी हैं। यह विस्तार प्रदेश के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 15 नए सरकारी बहुतकनीकी संस्थान खोले हैं। वर्ष 2014 में इनकी संख्या 28 थी, जो अब बढ़कर 43 हो गई है। इन संस्थानों में प्रवेश क्षमता भी 11,985 से बढ़कर 16,434 हो गई है।

 

अविश्वास प्रस्ताव में केवल असमानता शब्द लिखा, लेकिन विपक्ष के किसी सदस्य ने इस बारे में एक शब्द नहीं बोला

 

मुख्यमंत्री ने अविश्वास प्रस्ताव में असमानता शब्द लिखे होने पर विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि असामनता के बारे में एक भी विपक्षी सदस्य ने एक भी शब्द नहीं बोला। उन्होंने आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि गरीबी और असमानता शीर्षक से अक्टूबर 2025 में विश्व बैंक द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार भारत में पिछले 11 वर्षों में गरीबी दर 16.2 प्रतिशत से कम होकर 2.3 प्रतिशत रह गई है। इस अवधि में कुल 17 करोड़ 10 लाख भारतीय गरीबी से ऊपर उठे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री जन धन योजना, डीबीटी, आयुष्मान भारत, स्टैंड अप इंडिया, पीएम गरीब कल्याण अन्य योजना, पीएम विश्वकर्मा योजना जैसी अनेक दूरदर्शी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से यह संभव हुआ है। हरियाणा में इन्हीं योजनाओं तथा ई—गवर्नेंस के माध्यम से कांग्रेस के समय का वह सिस्टम खत्म हुआ है, जो बिचौलियों और रसूखदार लोगों को गरीबों के हक पर डाका मारने देता था।

 

खेल और खिलाड़ियों को लेकर अविश्वास प्रस्ताव में लगाए गए आरोप बेबुनियाद

 

श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि खेल और खिलाड़ियों को लेकर जो आरोप अविश्वास प्रस्ताव में लगाए गए हैं, वे बेबुनियाद और हरियाणा की गौरवशाली पहचान पर भी सवालिया निशान लगाने का कुप्रयास है, जो देश-दुनिया में “खिलाड़ियों की धरती” के रूप में स्थापित है। सरकार खिलाड़ियों के सम्मान, सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर पूरी तरह संवेदनशील और प्रतिबद्ध है। किसी भी दुर्घटना की स्थिति में कभी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ा। बल्कि, जवाबदेही तय की, कारणों की समीक्षा की और सुधारात्मक कदम उठाए।

 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में खेलों के क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति हुई है। ओलंपिक, पैरालंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स हों या एशियन गेम्स, हर जगह प्रदेश के खिलाड़ियों ने भारत का परचम लहराया है। ‘खेलो इंडिया’ और ‘फिट इंडिया’ जैसे अभियानों ने खेलों को जन-आंदोलन बनाया है और युवाओं को नई दिशा दी है। पिछले 11 वर्षों में खेल अवसंरचना पर 989 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। खेल विभाग के बजट को सरकार ने दोगुणे से भी अधिक बढ़ाया है। जहां वर्ष 2014-15 में यह 275 करोड़ रुपये था, वहीं इस वित्त वर्ष में 590 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

 

उन्होंने कहा कि आज हरियाणा में 3 राज्य स्तरीय खेल परिसर, 21 जिला स्तरीय खेल स्टेडियम, 25 उपमंडल स्टेडियम, 163 राजीव गांधी ग्रामीण खेल परिसर, 245 ग्रामीण स्टेडियम और 382 इनडोर जिम गांव-गांव तक उपलब्ध हैं। इनके अतिरिक्त 10 स्विमिंग पूल, 11 सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक, 14 हॉकी एस्ट्रोटर्फ, 2 फुटबॉल सिंथेटिक सतह और 9 बहुउद्देशीय हॉल भी विकसित किए गए हैं। वर्ष 2022 में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की। उन्होंने कहा कि क्लास-वन से क्लास-फोर तक की सीधी भर्ती में खिलाड़ियों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है। अब तक 231 खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। अब तक 641 करोड़ रुपये से अधिक की पुरस्कार राशि खिलाड़ियों को प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की खेल नीति, खिलाड़ियों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और उपलब्धियां स्वयं उत्तर दे रही हैं। अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सरकार पर सवाल उठाने वाले यह समझ लें कि सरकार खिलाड़ियों के उज्ज्वल भविष्य के सपनों को साकार करने के लिए उनके साथ पूरी मजबूती से खड़ी है।

 

*गरीब हितैषी प्रदेश सरकार*

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी हैरानी की बात है कि अविश्वास प्रस्ताव में विपक्ष ने फर्जी राशन कार्ड बनाकर लाभार्थी बनाना और चुनाव के बाद कैंसल करने की बात कही है। जबकि इसी सदन में मार्च, 2025 में बजट अधिवेशन के दौरान उन्होंने स्वयं 27 मार्च को बी.पी.एल. कार्डों के विषय पर अपनी बात रखी थी। उस समय विपक्ष ने आपत्ति की थी कि सरकार ने 50 लाख से अधिक बी.पी.एल. राशन कार्ड बनाए हैं।

 

उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं की वजह से लोगों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है और वे स्वतः ही गरीबी रेखा से बाहर आ गये हैं। सरकार ने किसी का राशन कार्ड काटा नहीं है, बल्कि उनका जीवन स्तर ऊपर उठाकर उन्हें गरीबी रेखा से बाहर निकालने में मदद की है। लेकिन कांग्रेस विधायकों को गरीब के जीवन स्तर में सुधार होने पर भी आपत्ति है।

 

उन्होंने कहा कि सदन में उस दिन यह भाव था कि जिन लोगों ने अपनी वार्षिक आय एक लाख 80 हजार रुपये से अधिक होने के बावजूद उसे कम दिखा दिया है, उनके नाम काट देने चाहिएं। ऐसे सभी लोग चाहे वे किसी भी पार्टी से या व्यक्ति से संबंध रखते हों, अगर उन्होंने गलत तरीके से खुद को बी.पी.एल. दिखा रखा है, तो उन्हें बी.पी.एल. कैटेगरी से बाहर कर देना चाहिए। इसके बाद कुछ लोगों ने अपने नाम बी.पी.एल. सूची से कटवा लिए। इनके अलावा, दोबारा वेरिफिकेशन भी करवाई गई। इस दौरान जिन लोगों की आय 1 लाख 80 हजार रुपये से अधिक थी, उनको भी बी.पी.एल. सूची से बाहर कर दिया गया है। इस प्रकार, गलत नीयत से अपनी इनकम कम दिखाकर बनाए गए राशन कार्ड पारदर्शी प्रक्रिया के तहत काटे हैं। परंतु फिर भी यदि किसी पात्र व्यक्ति का नाम बी.पी.एल. राशन कार्ड सूची से कट गया है, तो वह इसे ठीक करवा सकता है। बी.पी.एल. राशन कार्ड को शामिल करने या हटाने की यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन व पारदर्शी है।

 

*कांग्रेस भूल चुकी जनहित*

 

उन्होंने कहा कि विपक्ष ने असंवैधानिक तरीके व वोट चोरी से सत्ता हथियाने का आरोप भी लगाया है। लोकतंत्र में अपनी बात कहने का अधिकार सबको है। लेकिन इस अधिकार का दुरुपयोग करते हुए अनाप-शनाप आरोप लगाना गैर जिम्मेदाराना है। लेकिन कांग्रेस तो जनहित भूल ही चुकी है। पार्टी के भीतर कैसा लोकतंत्र है। यह सब लोग देख रहे है। विधानसभा चुनाव के लगभग एक साल बीत जाने के बावजूद भी ये नेता प्रतिपक्ष का चुनाव नहीं कर पाए थे। इस कारण कितने लंबे समय तक हरियाणा विधानसभा नेता प्रतिपक्ष से वंचित रही।

 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग तो केवल भ्रामक प्रचार करने में लगे हुए हैं। उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि विपक्ष को अपने द्वारा चुनावों में की गई धांधलियां याद क्यों नहीं आ रहीं? उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि वर्ष 2009 के विधानसभा चुनावों में श्री सुखबीर कटारिया बोगस वोटिंग मामला खूब चर्चा में रहा। आरोप मुख्य रूप से फ़र्जी वोटर आई.डी. कार्ड और झूठे दस्तावेज़ों का इस्तेमाल करके मतदाता सूची में हेरफेर करने पर आधारित थे। वर्ष 2009 में मतदाता जागरूक मंच नामक एक एन.जी.ओ. ने याचिका दायर की, जिसमें आरोप लगाया गया कि कटारिया जी और अन्य कई लोग गुरुग्राम चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए फ़र्जी वोटर आई.डी. कार्ड बनाने और इस्तेमाल करने में शामिल थे। इसी मामले में, 2013 में एक जिला अदालत के निर्देश पर कटारिया के खिलाफ दो नई एफ.आई.आर दर्ज हुई थी। इसी प्रकार, लोकसभा चुनाव 2014 में नूंह, फिरोज़पुर झिरका और पुन्हाना में फर्जी मतदान और बूथ-कैप्चरिंग के आरोप लगे। इस क्षेत्र में मतदान 78 प्रतिशत दर्ज किया गया। विशेषकर जिला मुख्यालय नूंह में, जिसमें रैना गांव जैसे इलाके शामिल हैं। लेकिन जब लोगों से उनकी अंगुलियों पर इंक मार्क दिखाने को कहा गया, तो बहुत कम मतदाताओं की अंगुलियों पर इंक मार्क थे। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों से पहले कैथल निवासी पारस मित्तल ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में केस दायर किया था कि जो लोग कैथल के निवासी नहीं हैं, उनके वोट भी बनाए जा रहे हैं। साथ ही ऐसे कई लोग हैं, जिनकी वोट कैथल और नरवाना दोनों विधानसभा क्षेत्रों में है। इन दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के नेता श्री रणदीप सुरजेवाला चुनाव लड़ते रहे हैं। पारस मित्तल ने 6 मई, 2014 को 10 हजार फर्जी वोटरों की लिस्ट भी निर्वाचन अधिकारी को सौंपी। जांच के बाद 7 हजार 447 मतदाताओं को फर्जी मानते हुए मतदाता सूची से हटा दिया गया था। उस समय प्रदेश में किसकी सरकार थी। उन्होंने कहा कि गत विधानसभा चुनाव 2024 में नारनौंद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक श्री जस्सी पेटवाड़ भरी जनसभा में लोगों से दो-दो, तीन-तीन वोट डालने की अपील कर रहे थे। तब इनकी नैतिकता और चुनाव शुचिता कहां थी।

 

*किसानों को दिया उचित मुआवजा*

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्नदाता सरकार की किसान हितैषी नीतियों के केंद्र में हैं और हमेशा रहेगा। गत अगस्त-सितंबर मास में हरियाणा में भारी बारिश के कारण कई जिलों में जलभराव हो गया था। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए गत 15 सितम्बर तक ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला हुआ था। गत 10 दिसंबर को इस नुकसान की भरपाई के लिए 53,821 किसानों को 116 करोड़ 51 लाख रुपये की मुआवजा राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा कर दी है। इससे पहले नवंबर में बाढ़ के चलते पशु धन की हानि, मकान क्षति तथा अन्य उपयोगी वस्तुओं के नुकसान की भरपाई के लिए 4 करोड़ 72 लाख रुपये की राशि जारी की थी।

 

उन्होंने कहा कि खरीफ सीजन में प्राकृतिक आपदा से फसल खराब होने पर 57 हजार 394 किसानों द्वारा आवदेन किया गया है। इनमें से 33 हजार 390 किसानों को उनकी फसलों के नुकसान के लिए 78 करोड़ 22 लाख रुपये के क्लेम जल्द ही वितरित कर दिए जाएंगे। कुल मिलाकर प्रदेश में फसल खराब होने पर गत 11 सालों में किसानों को मुआवजे और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अब तक 15 हजार 448 करोड़ रुपये की राशि दी है।

 

*वर्ल्ड बैंक ने ‘हरियाणा स्वच्छ वायु परियोजना’ के लिए 305 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 2600 करोड़ रुपये) किए मंजूर*

 

उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में अन्नदाताओं ने कांग्रेस को अपने मताधिकार से सत्ता में आने से रोक दिया तो इन्हें अब पर्यावरण की याद आ रही है। इन्होंने अपने शासनकाल में पर्यावरण के बचाव के लिए कुछ नहीं किया। प्रदेश को प्रदूषण से मुक्त बनाने के लिए ठोस प्रयास किये हैं। सरकार का लक्ष्य ’2030 तक हरियाणा को प्रदूषण-मुक्त प्रदेश’ बनाना है। हाल ही में वर्ल्ड बैंक ने ‘हरियाणा स्वच्छ वायु परियोजना’ के लिए 305 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 2600 करोड़ रुपये) मंजूर किए हैं। इस परियोजना का उद्देश्य परिवहन, उद्योग, कृषि, शहरी प्रबंधन और वैज्ञानिक निगरानी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में पूरे राज्य में वायु गुणवत्ता में सुधार करना है। इस राशि में से कृषि क्षेत्र में 746 करोड़ रुपये कृषि एवं विकास तथा पंचायत विभागों के माध्यम से व्यय किए जाएंगे। इनमें वर्ष 2030 तक पराली जलाने को समाप्त करने के लिए 280 करोड़ रुपये, बायो-डी कंपोजर तकनीकों पर अनुसंधान हेतु 52 करोड़ रुपये,कृषि विभाग में एक सेकेंडरी एमिशन मॉनिटरिंग सेंटर की स्थापना के लिए 151 करोड़ रुपये, तथा पशु अपशिष्ट से होने वाले उत्सर्जन में कमी लाने हेतु स्वच्छ खाद प्रबंधन प्रणाली विकसित करने के लिए 263 करोड़ रुपये शामिल हैं।

 

*राज्य की ऋण स्थिति टिकाऊ*

 

उन्होंने कहा कि कांग्रेसी ने खराब वित्तीय प्रबंधन और प्रदेश को कर्ज में डुबोने का भी आरोप लगाया है। कांग्रेस के शासन काल में वर्ष 2004-05 से 2014-15 तक दस साल की अवधि के दौरान, कर्ज देनदारियों में 458.30 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। जबकि, वर्तमान सरकार के 10 साल के शासनकाल में 2014-15 से 2024-25 के बीच, कर्ज देनदारी में 227.49 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जोकि कांग्रेस सरकार की तुलना में आधी से भी कम है। बजट अनुमान 2025-26 के अनुसार, राज्य का राजकोषीय घाटा GSDP का 2.67 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जोकि FRBM अधिनियम के तहत 15वें वित्त आयोग द्वारा निर्धारित 3 प्रतिशत की सीमा से कम है। पिछले 10 वर्षों में ऋण सेवा के लिए 3 लाख 66 हजार 16 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। इसमें 1 लाख 61 हजार 796 करोड़ रुपये ब्याज भुगतान और 2 लाख 4 हजार 220 करोड़ रुपये मूलधन शामिल हैं। राज्य द्वारा मूलधन और ब्याज का भुगतान नियमित रूप से किया जा रहा है और अब तक किसी भी अवसर पर ऋण किस्त और ब्याज के भुगतान में कोई डिफ़ॉल्ट नहीं हुआ है। इसका तात्पर्य है कि राज्य की ऋण स्थिति टिकाऊ है।

 

*अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष की हताशा का दस्तावेज*

 

मुख्यमंत्री ने सवालिया अंदाज में कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाने वालों से यह पूछना चाहता हूं, क्या यह अविश्वास जनता का है या इनकी अपनी खोई हुई जमीन का। क्योंकि जब जनता का विश्वास सरकार के साथ होता है, तब ऐसे प्रस्ताव केवल औपचारिकता बनकर रह जाते हैं। सच्चाई तो यह है कि वर्तमान राज्य सरकार प्रदेश की जनता के विश्वास पर खरी उतरी है और आगे भी उतरेगी। यह अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष की हताशा का दस्तावेज मात्र है। जनता ने देखा है कि कैसे 13 महीनों में सरकार ने अपने संकल्प पत्र के 217 संकल्पों में से 54 संकल्प पूरे किए हैं और 163 पर कार्य प्रगति पर है।

 

मुख्यमंत्री ने सदन से आग्रह करते हुए कहा कि तथ्यों, कार्यों और जनहित के आधार पर अविश्वास प्रस्ताव को अस्वीकार करें और प्रदेश की विकसित हरियाणा की परिकल्पना की तरफ चल रही नॉन स्टॉप यात्रा को और सशक्त बनाएं।