Strawberry Cultivation: इस फल की खेती करने से आपको होगा सबसे ज्यादा मुनाफा! जानें कौन सा है ये फल

 
Strawberry Cultivation: Cultivation of this fruit will give you the most profit! Know which fruit it is
Strawberry Cultivation: स्ट्रॉबेरी की मांग लगातार बढ़ रही है और यह किसानों के लिए लाभदायक विकल्प बन रही है। इसकी खेती की खासियत यह है कि यह कम समय में तैयार होती है और ताज़ा फल, प्रोसेसिंग (जैम, जूस, आइसक्रीम) तथा निर्यात – तीनों स्तरों पर अच्छी कीमत दिलाती है।

स्ट्रॉबेरी खेती के बारे में कुछ मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:

1. खेती के लिए उपयुक्त क्षेत्र व मौसम

ठंडी और समशीतोष्ण जलवायु स्ट्रॉबेरी के लिए बेहतर मानी जाती है।

भारत में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र (विशेषकर महाबलेश्वर), कर्नाटक और झारखंड जैसे क्षेत्रों में सफलतापूर्वक खेती की जा रही है।

रबी मौसम (अक्टूबर-नवंबर) में पौधारोपण करने पर फरवरी-मार्च तक फल मिलने लगते हैं।

रेतीली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है।

पीएच मान 5.5 से 6.5 तक होना चाहिए।

खेत की अच्छी जुताई कर के जैविक खाद (गोबर की सड़ी हुई खाद या वर्मी कम्पोस्ट) डालना लाभकारी है।


3. किस्में

कैमरोसा, चैंडलर, स्वीत चार्ली, विंटर डॉन, गॉलीथ जैसी उन्नत किस्में लोकप्रिय हैं।

उन्नत किस्मों से फल आकार और स्वाद में अच्छे होते हैं और बाजार में अच्छी कीमत मिलती है।


4. पैदावार व लाभ

पौधे लगाने के 60–75 दिन बाद फल मिलने लगते हैं।

एक हेक्टेयर से औसतन 8–12 टन तक उपज प्राप्त हो सकती है।

बाजार भाव अच्छा रहने पर किसानों को प्रति हेक्टेयर लाखों रुपये की आमदनी हो सकती है।


5. अतिरिक्त लाभ

फल जल्दी खराब होने के कारण स्थानीय और नजदीकी बाजारों में हमेशा मांग बनी रहती है।

ठंडी भंडारण और प्रोसेसिंग यूनिट से जुड़कर किसान अपनी आमदनी और बढ़ा सकते हैं।

स्ट्रॉबेरी से बने उत्पाद (जैम, जूस, सिरप, वाइन) भी अच्छी कीमत दिलाते हैं।
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