Haryana Child Marriage: हरियाणा के इस जिले से खत्म हुई बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई, प्रशासन करेगा ये बड़ा काम

पुलिस और प्रशासन मिलकर करें काम
एडीसी सुशील कुमार ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 को जिला में प्रभावी ढंग से लागू करना और बाल विवाह की कुप्रथा को समाप्त करना...हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में इस कानून को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए सरकार ने बाल विवाह प्रतिषेध (हरियाणा संशोधन) विधेयक 2020 लागू किया हुआ है। उन्होंने निर्देश दिए कि जहां भी बाल विवाह की सूचना मिले तो उस पर खुद संज्ञान लेकर बाल विवाह को रोके और कार्रवाई करें। इसमें पुलिस और बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी मिलकर काम करें।
टोल फ्री नंबर पर करें प्रचार
एडीसी ने कहा कि बाल विवाह के दुष्प्रभावों और इसके खिलाफ बने कानूनों के बारे में ग्रामीणों को जागरूक करें। इसके लिए स्कूलों, पंचायतों और स्थानीय संस्थाओं में कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि बाल विवाह के संबंध में टोल फ्री नंबर 1098 का भी प्रचार करें। खबरों की मानें, तो एडीसी ने कहा कि 'बाल विवाह मुक्त गांव' पहल के तहत ऐसे गांवों और ग्राम पंचायतों को 'बाल विवाह मुक्त' सर्टिफिकेट दें और उन्हें प्रोस्तसाहित करें।
ये रहे बैठक में मौजूद
इस बैठक में CMO डाॅ. अशोक कुमार, DSP भारत भूषण, जिला कार्यक्रम अधिकारी संगीता यादव, DDPO हरिप्रकाश बंसल, जिला समाज कल्याण अधिकारी अमित शर्मा के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।