Mukhyamantri Vivah Shagun Yojana: हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना की राशि 10 हजार बढ़ाई, जानें अब कितने मिलेंगे रुपये

 
Haryana government increased the amount of Chief Minister's Marriage Shagun Scheme by Rs 10 thousand

Mukhyamantri Vivah Shagun Yojana: हरियाणा में बीसी वर्ग के परिवारों के लिए मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना की राशि 10 हजार बढ़ा दी गई है। जिसके तहत अब बीसी वर्ग के परिवारों को बेटी की शादी पर 51 हजार रुपये मिलेंगे। इसकी जानकारी झज्जर के डीसी स्वप्निल रविंद्र पाटिल ने दी है। 

डीसी ने कहा कि सरकार प्रत्येक वर्ग के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं चला रही हैं। मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना भी अंत्योदय उत्थान के उद्देश्य को पूरा करने के लिए चलाई जा रही महत्वपूर्ण योजना है जिसके तहत आर्थिक सहायता के रूप में मिलने वाली राशि में राज्य सरकार ने उल्लेखनीय वृद्धि की है। उन्होंने बताया कि अब पिछड़ा वर्ग के परिवारों को बेटियों के विवाह के अवसर पर कन्यादान के रूप में 41 हजार बजाए 51 हजार रुपये मिलेंगे। शगुन की राशि में 10 हजार रुपये की उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गई है।

1.80 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वालों को मिलेगा योजना का लाभ

वहीं जिला कल्याण अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार के इस निर्णय से 1.80 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले लाखों पात्र परिवारों को लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की कन्याओं के विवाह में सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले पिछड़े वर्ग के परिवारों को उनकी बेटियों के विवाह हेतु, किसी भी वर्ग की महिला खिलाड़ियों को उनकी स्वयं की शादी हेतु और ऐसे दिव्यांग जोड़ों को, जिनमें पति या पत्नी में से कोई एक भी दिव्यांग हो, उन्हें अब 51 हजार रुपये का कन्यादान मिलेगा।

इन्हीं दी जा रही 71 हजार रुपये की विवाह राशि
 

इसके अतिरिक्त, अनुसूचित जाति, विमुक्त जाति और टपरीवास समुदाय के पात्र परिवारों को 71 हजार रुपये की राशि विवाह के अवसर पर पहले से दी जा रही है। विधवा, तलाकशुदा, अनाथ या बेसहारा महिलाओं के पुनर्विवाह पर (यदि पहली शादी के समय योजना का लाभ नहीं लिया गया हो) 51 हजार रुपये की राशि देने का प्रावधान किया गया है। यदि नवविवाहित दंपती दोनों दिव्यांग हैं, तो उन्हें भी 51 हजार रुपये की राशि मिलेगी। योजना का लाभ उठाने के लिए विवाह के छह माह के भीतर विवाह पंजीकरण कराना अनिवार्य है। योजना के लाभ के लिए आवेदक सरल पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।