बहादुरगढ़ और धारूहेड़ा में प्रदूषण चरम पर
राज्य के कई औद्योगिक इलाकों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। बहादुरगढ़ और धारूहेड़ा लगातार प्रदूषण के मामले में देशभर में शीर्ष पर हैं। टूटी सड़कों, निर्माण कार्य, फैक्ट्रियों और वाहनों से निकलने वाले धुएं ने हवा की गुणवत्ता को बेहद खराब कर दिया है।
बहादुरगढ़ में वर्ष 2020 के बाद पहली बार अक्टूबर माह में इतनी लंबी अवधि तक प्रदूषण का स्तर ‘रेड जोन’ में बना हुआ है।
छह शहर रेड जोन में, जींद पहुंचा दहलीज पर
हरियाणा के 6 शहर बहादुरगढ़, धारूहेड़ा, मानेसर, फतेहाबाद, अंबाला और करनाल रेड जोन में हैं। वहीं, जींद रेड जोन की दहलीज पर है, जहां AQI 300 तक पहुंच गया है।
पराली कम जली, फिर भी प्रदूषण अधिक
दिलचस्प बात यह है कि इस साल हरियाणा में पिछले पांच सालों की तुलना में पराली जलाने के मामले कम दर्ज हुए हैं। वहीं पंजाब में 12 गुना ज्यादा पराली जलाने के केस आए हैं, फिर भी हरियाणा की हवा अधिक प्रदूषित है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इसका प्रमुख कारण वातावरण में नमी, कम हवा की गति और ठंड का बढ़ना है, जिससे प्रदूषक तत्व नीचे की परत में फंसे रह जाते हैं।
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के चलते 28 और 29 अक्टूबर को मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। इस दौरान आंशिक बादलवाई रहेगी और उत्तर-पूर्वी हवाएं चलेंगी।
उन्होंने बताया कि इस वजह से दिन के तापमान में हल्की कमी और रात्रि तापमान में हल्की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
30 अक्टूबर से होगा बदलाव
30 अक्टूबर से 2 नवंबर के बीच मौसम आमतौर पर खुश्क रहने की संभावना है। इस दौरान दिन का तापमान थोड़ा बढ़ेगा, जबकि रातें और ठंडी होंगी। विशेषज्ञों के अनुसार, इस अवधि में उत्तर और उत्तर-पश्चिमी हवाएं हल्की से मध्यम गति से चल सकती हैं, जिससे प्रदूषण में आंशिक सुधार हो सकता है।
