वर्तमान में अरब सागर पर एक चक्रवातीय सर्कुलेशन बना हुआ है, जो बार-बार अपना ट्रैक बदल रहा है। वहीं, बंगाल की खाड़ी पर सक्रिय मौथा समुद्री तूफान अब कमजोर हो चुका है। इसके साथ ही, बिहार पर भी एक चक्रवातीय सर्कुलेशन मौजूद है। इसके अलावा, एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ हरियाणा-एनसीआर- दिल्ली क्षेत्र से आगे निकल चुका है। इन सभी कारणों से क्षेत्र में उत्तरी-पश्चिमी हवाएं चल रही हैं, जिनसे रात के तापमान में गिरावट देखने को मिल रही है।
मौसम विभाग के अनुसार, 3 नवंबर को एक नया कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इसके प्रभाव से हरियाणा के उत्तरी हिस्सों में 4 और 5 नवंबर के दौरान हल्का मौसम परिवर्तन देखने को मिलेगा। हालांकि, बारिश की संभावना नहीं है। राजकीय महाविद्यालय नारनौल के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ. चंद्रमोहन के मुताबिक, आगे किसी बड़े मौसम सिस्टम के न होने से दिन का मौसम साफ और सुखद रहने की संभावना है, जबकि रातें ठंडी होंगी।
महीने की शुरुआत में हरियाणा, एनसीआर और दिल्ली में अधिकतम तापमान लगभग 30 से 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 15 से 16 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। जैसे-जैसे महीना आगे बढ़ेगा, तापमान में गिरावट आएगी और नवंबर के आखिर तक न्यूनतम तापमान 11 से 13 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।
नवंबर के पहले पखवाड़े में मौसम सामान्य और शुष्क रहेगा, जबकि दूसरे पखवाड़े में दो से तीन पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकते हैं। इनके कारण उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी होगी और वहां से आने वाली ठंडी हवाओं से मैदानी इलाकों का तापमान और नीचे जाएगा। दिसंबर की शुरुआत में कड़ाके की ठंड दस्तक देगी और मौसम पूरी तरह सर्द हो जाएगा।
