Haryana: हरियाणा के इन गांवों को मिली बड़ी सौगात, CM सैनी ने किया ऐलान
मुख्यमंत्री आज भारत की प्राचीनतम सभ्यता की धरोहर पावन भूमि राखीगढ़ी में आयोजित दूसरे राज्य स्तरीय राखीगढ़ी महोत्सव के अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हड़प्पा ज्ञान केंद्र का भी उद्घाटन किया। महोत्सव में शिल्प मेला, विरासत दौड़, वर्कशॉप, प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम, ग्रामीण खेलकूद, प्रश्नोत्तरी व रंगोली तथा फोटोग्राफी प्रतियोगिताएं आयोजित हो रही है। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने स्वयं भी महोत्सव में शुरू हुई अलग अलग गतिविधियों का अवलोकन किया। इस दौरान उनके साथ विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ अरविंद शर्मा, कैबिनेट मंत्री श्री रणबीर गंगवा, विधायक श्री विनोद भ्याना भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राखीगढ़ी पंचायत द्वारा प्रस्तुत की गई सभी 13 मांगों को संबंधित विभागों को भेजकर शीघ्र पूरा करवाया जाएगा। इसी प्रकार राखी शाहपुर पंचायत द्वारा रखी गई पांच मांगों को भी संबंधित विभागों को प्रेषित कर पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राखीगढ़ी एवं राखी शाहपुर गांवों को 21-21 लाख रुपये का अनुदान देने की घोषणा भी की।
उन्होंने कहा कि राखीगढ़ी को ऐतिहासिक धरोहर के रूप में विशेष पहचान प्राप्त है। यह वही भूमि है, जहां हजारों वर्ष पूर्व विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक हड़प्पा सभ्यता का उत्कर्ष हुआ। यहां हुई खुदाइयों से प्राप्त अवशेष यह प्रमाणित करते हैं कि उस काल में राखीगढ़ी एक बड़ा औद्योगिक एवं व्यापारिक केंद्र था, जहां सुव्यवस्थित नगर नियोजन, स्वच्छता व्यवस्था और जल प्रबंधन की अद्भुत व्यवस्था थी। श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सिंधु-सरस्वती सभ्यता का यह महान केंद्र आज पूरे विश्व को यह संदेश देता है कि भारत की जड़ें कितनी गहरी, वैज्ञानिक और समृद्ध रही हैं। विश्व की सबसे बड़ी और विकसित प्राचीन नगर सभ्यता का महत्वपूर्ण केंद्र हरियाणा में स्थित होना प्रदेशवासियों के लिए गर्व का विषय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करते हुए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। काशी विश्वनाथ धाम, महाकाल लोक, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर और राखीगढ़ी जैसे पुरातात्विक स्थल भारत की गौरवशाली परंपरा के प्रतीक हैं। यह नया भारत है, जो अपने अतीत से प्रेरणा लेकर उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर रहा है।
*प्रदेश सरकार राखीगढ़ी को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन एवं शोध केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध*
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राखीगढ़ी को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन एवं शोध केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यहां विश्वस्तरीय पुरातत्व संग्रहालय, शोध संस्थान, पर्यटक सुविधाएं तथा आधुनिक आधारभूत ढांचे का विकास किया जा रहा है। इसका उद्देश्य देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भारत की प्राचीन सभ्यता से परिचित कराना और हरियाणा की समृद्ध संस्कृति का अनुभव कराना है, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राखीगढ़ी की खुदाई से यह भी स्पष्ट होता है कि प्राचीन समाज में महिलाओं को सम्मान और समान अवसर प्राप्त थे। आज हरियाणा की बेटियां उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए खेल, शिक्षा, विज्ञान, प्रशासन और सेना में देश का नाम रोशन कर रही हैं। राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए शिक्षा, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता से जुड़ी अनेक योजनाएं लागू कर रही है।
*राखीगढ़ी को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के प्रयास जारी*
उन्होंने बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार हरियाणा में लगभग 100 ऐसे स्थल हैं, जो ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व रखते हैं। इनमें रोहतक का फरमाणा, भिवानी का मिताथल, कैथल का बालू और फतेहाबाद का बनावाली प्रमुख हैं। राखीगढ़ी सहित इन सभी स्थलों के संरक्षण और विकास के लिए विशेष परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। राखीगढ़ी को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। यहां 22 करोड़ रुपये की लागत से एक आधुनिक संग्रहालय का निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्त नूंह की पुरानी तहसील बिल्डिंग, लोहारू का किला और तावडू के मकबरा परिसर को राज्य संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है। पंचकूला के सेक्टर-5 में अत्याधुनिक पुरातात्विक संग्रहालय तथा अग्रोहा स्थल का भी विकास किया जा रहा है।
*7,000 वर्ष पुरानी राखीगढ़ी सभ्यता ने विश्व को आधुनिक नगर व्यवस्था का दिखाया मार्ग - डॉ. अरविंद शर्मा*
हरियाणा के विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि आज राखीगढ़ी में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें देश के कोने-कोने से कलाकार भाग लेने के लिए पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 7,000 वर्ष पुरानी राखीगढ़ी सभ्यता ने विश्व को आधुनिक नगर व्यवस्था का मार्ग दिखाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए गन्ने का सर्वाधिक 415 रुपये प्रति क्विंटल का भाव निर्धारित किया है। उन्होंने बताया कि आज वीर बाल दिवस के अवसर पर वीर साहिबजादों की शहादत को स्मरण करते हुए विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है ताकि आने वाली पीढ़ियों को उनके बलिदान से प्रेरणा मिल सके।
*मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हरियाणा निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर - रणबीर गंगवा*
इससे पहले हरियाणा के लोक निर्माण मंत्री श्री रणवीर गंगवा ने मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस क्षेत्र की वर्षों पुरानी हांसी को जिला बनाए जाने की मांग को पूरा किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हरियाणा निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। श्री गंगवा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का विज़न देश को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का है और उन्हें विश्वास है कि यह लक्ष्य समय से पहले ही प्राप्त कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश और देश में विकास की गति निरंतर तेज़ी से आगे बढ़ रही है।
*हड़प्पा काल की भारतीय संस्कृति की विरासत का इतिहास इंटरनेशनल मैप पर आया: डॉ अमित अग्रवाल*
विरासत एवं पर्यटन विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ अमित अग्रवाल ने अपने स्वागत भाषण में मुख्यमंत्री और अन्य अतिथियों का अभिनंदन किया और विभाग के विजन तथा राखीगढ़ी के महत्व को बताया। उन्होंने कहा कि राखीगढ़ी केवल पुरातात्विक स्थल नहीं, बल्कि भारत की प्राचीन और सतत सभ्यता का जीवंत साक्षी है। यह 6000 वर्ष से भी अधिक पुरानी उन्नत नगर योजना, सामाजिक संगठन और सांस्कृतिक समृद्धि को प्रदर्शित करता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विरासत सम्पदाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है। राखीगढ़ी महोत्सव के महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि महोत्सव के माध्यम से सरकार का उद्देश्य न केवल इस स्थान के पुरातत्व महत्व को उजागर करना है, बल्कि सांस्कृतिक प्रस्तुतियो, प्रदर्शन, शैक्षणिक संवाद और सामाजिक सहभागिता के माध्यम से विरासत को जन-जन तक पहुंचाना है।
कार्यक्रम में विधायक श्री रणधीर पनिहार, विरासत एवं पर्यटन विभाग के निदेशक डॉ अमित खत्री, हड़प्पा ज्ञान केंद्र के निदेशक प्रोफेसर वसंत शिंदे,पूर्व मंत्री अनूप धानक, पूर्व सांसद जनरल डीपी वत्स, सोनू सिहाग, प्रवीण पोपली, सुरेंद्र पूनिया, जवाहर सैनी, अशोक सैनी सहित अन्य गणमान्य भी उपस्थित रहे।
