Haryana: हरियाणा कैबिनेट की बैठक में लिए गए ये बड़े फैसले, देखें पूरी लिस्ट 
 
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Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में कुल 14 अहम एजेंडे रखे गए, जिनमें कई जनहित और विकास से जुड़े फैसलों को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हरियाणा सरकार जनकल्याण की दिशा में निरंतर काम कर रही है। उन्होंने बताया कि कैबिनेट के सभी फैसले राज्य के नागरिकों के हित को ध्यान में रखकर लिए गए हैं।

कैबिनेट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में पीड़ित परिवारों के लिए बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने तय किया है कि ऐसे परिवारों के एक सदस्य को हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के माध्यम से रोजगार दिया जाएगा। मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि इस योजना की घोषणा उन्होंने विधानसभा के मानसून सत्र में 25 अगस्त 2025 को की थी, और अब कैबिनेट ने इसे औपचारिक मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत उस समय हरियाणा निवासी रहे परिवारों को लाभ मिलेगा, भले ही मृत्यु राज्य से बाहर हुई हो। साथ ही, चयनित सदस्य को 58 वर्ष की आयु तक नौकरी से नहीं हटाया जाएगा।

बैठक में स्वामित्व योजना को कानूनी आधार देने का निर्णय भी लिया गया। आबादी देह क्षेत्रों में कब्जाधारकों को स्वामित्व अधिकार प्रदान करने के लिए ड्रोन आधारित सर्वेक्षण को कानूनी मान्यता दी जाएगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति विवादों में कमी आएगी और कब्जाधारकों को कानूनी स्वामित्व अधिकार मिल सकेंगे।

विकास परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण नीति में भी संशोधन किया गया है। अब यदि कोई भू-मालिक स्वयं या एग्रीगेटर के माध्यम से ई-भूमि पोर्टल पर अपनी सहमति अपलोड करता है और सभी शर्तें पूरी करता है, तो उसकी सहमति वैध मानी जाएगी। पहले यह शर्त थी कि भू-मालिक कलेक्टर रेट के तीन गुना तक ही प्रस्ताव दे सकते थे, जिसे अब समाप्त कर दिया गया है।

लंबे समय से लंबित हरियाणा टीचर ट्रांसफर पॉलिसी 2025 को भी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। नई पॉलिसी को सरल और पारदर्शी बनाया गया है। अब ‘जोनिंग सिस्टम’ हटा दिया गया है और शिक्षक सीधे अपनी पसंद का स्कूल चुन सकते हैं। इससे ट्रांसफर प्रक्रिया में पारदर्शिता और लचीलापन बढ़ेगा।

बैठक में शहीद सैनिकों के आश्रितों को राहत देने का निर्णय भी लिया गया। अब जो परिवार निर्धारित तीन साल की अवधि में आवेदन नहीं कर पाए थे, उन्हें भी नौकरी का अवसर मिलेगा। इस फैसले के तहत दो आश्रितों — समीर (सिपाही सतीश कुमार, ऑपरेशन पराक्रम, 2001) और जंगवीर तक्षक (सिपाही जगदीश, ऑपरेशन रक्षक, 2000, जम्मू-कश्मीर) — को नौकरी दी गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इससे पहले 26 जून 2025 को आठ अन्य शहीद सैनिकों के आश्रितों को भी नौकरी दी जा चुकी है।

राज्य में श्रमिक कल्याण और औद्योगिक विकास के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए ‘कारखाना (संशोधन) अध्यादेश, 2025’ को मंजूरी दी गई। इसके तहत प्रत्येक श्रमिक को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य होगा। महिलाओं को सुरक्षात्मक उपकरण उपलब्ध होने पर मशीनरी पर काम करने की अनुमति दी जाएगी। ओवरटाइम सीमा 115 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे प्रति तिमाही कर दी गई है। सभी ओवरटाइम कार्य स्वैच्छिक होंगे और इसके लिए दोगुनी मजदूरी दर से भुगतान किया जाएगा।

कैबिनेट ने ‘हरियाणा दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान (संशोधन) अध्यादेश, 2025’ को भी मंजूरी दी। अब यह अधिनियम उन प्रतिष्ठानों पर लागू नहीं होगा, जहां 20 से कम कर्मचारी कार्यरत हैं। रजिस्ट्रेशन और संशोधन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी। साथ ही, कानून से क्रिमिनल प्रावधान हटा दिए गए हैं और प्रत्येक कर्मचारी को आईडी कार्ड और नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य किया गया है।

पंजाब ग्राम शामलात भूमि नियमों में संशोधन को भी स्वीकृति दी गई। अब पंचायत द्वारा पट्टे पर दी जाने वाली भूमि का 5% हिस्सा 60% से अधिक विकलांगता वाले व्यक्तियों के लिए आरक्षित रहेगा। इसके अलावा गौशालाओं या गौ अभयारण्यों के लिए पंचायत भूमि 20 वर्षों तक 5100 रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष की दर से पशुपालन विभाग या हरियाणा गौ सेवा आयोग को पट्टे पर दी जा सकेगी।

बैठक में ‘Ease of Doing Business’ को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। अब इंडस्ट्रियल जोन में उद्योग स्थापित करने के लिए Self-Certification प्रणाली लागू होगी। मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि पारदर्शिता सरकार का मूल उद्देश्य है और इस कदम से उद्योगों को सुविधा तथा प्रक्रियाओं में तेजी मिलेगी।