आपको बता दें कि प्रशासन को प्राप्त शिकायतों और खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, नांगल चौधरी द्वारा की गई जांच में सरपंच के खिलाफ कई गंभीर अनियमितताएँ सामने आईं। रिपोर्ट के मुताबिक, सरपंच ने ग्राम पंचायत से अनुमति लिए बिना सिविल कोर्ट में चल रहे एक भूमि संबंधी मामले में कथित तौर पर गलत तरीके से बयान दिया। इसके अलावा शामलात भूमि मामलों में भी उनके कार्यों को नियमों के विपरीत पाया गया।
जानें क्या है सरपंच पर आरोप
मिली जानकरी के अनुसार जांच में सामने आया है कि सरपंच ने पंचायत बैठकों से जुड़े आवश्यक एजेंडा दस्तावेज कार्यालय में जमा नहीं करवाए और अवैध कब्जों पर नियमानुसार कार्यवाही में लापरवाही की। साथ ही नाजायज कब्जे धारकों को बिना पैमाइश रिपोर्ट के नोटिस जारी किए जाने को भी गंभीर प्रशासनिक चूक माना गया।
पहले भेजा था कारण बताओ नोटिस
सरपंच को इन आरोपों पर पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। इसके बाद व्यक्तिगत सुनवाई का मौका भी मिला, पर वे अपने पक्ष में ठोस प्रमाण नहीं दे सके।
अब इनको दी जाएगी जिम्मेदारी
बताया जा रहा है कि निलंबन के साथ प्रशासन ने निर्देश दिया है कि पंचायत से संबंधित सभी रिकॉर्ड और जिम्मेदारी बहुमत हासिल पंच को सौंप दी जाए। मामले की विस्तृत जांच अब अतिरिक्त उपायुक्त करेंगे। आदेश तुरंत लागू कर दिए गए हैं।
