मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नई व्यवस्था से प्रदेश के नागरिकों को दशकों पुरानी जटिल और समय लेने वाली रजिस्ट्री प्रक्रिया से राहत मिलेगी। अब लोग घर बैठे अधिकांश औपचारिकताएं पूरी कर सकेंगे। केवल एक बार फोटो खिंचवाने के लिए तहसील कार्यालय जाना होगा।
उन्होंने बताया कि हरियाणा अब देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने रजिस्ट्री और इंतकाल की प्रक्रिया को एक साथ डिजिटल रूप में लागू किया है। इससे न केवल पारदर्शिता और सुशासन को बल मिलेगा बल्कि भ्रष्टाचार और देरी की संभावनाओं पर भी अंकुश लगेगा।
मुख्यमंत्री सैनी ने जानकारी दी कि इस परियोजना की शुरुआत 29 सितंबर 2025 को कुरुक्षेत्र जिले की लाडवा तहसील से की गई थी। पायलट चरण में यह प्रणाली सफल रही, जिसके बाद इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया गया है। 29 सितंबर से 31 अक्टूबर तक कुल 917 पेपरलेस रजिस्ट्री सफलतापूर्वक की जा चुकी हैं, जो इस पहल की सफलता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि पेपरलेस रजिस्ट्री से न केवल समय और संसाधनों की बचत होगी बल्कि आम लोगों को रजिस्ट्री के कार्य में लगने वाली भागदौड़ से भी मुक्ति मिलेगी। साथ ही यह पहल प्रशासनिक दक्षता और डिजिटल पारदर्शिता की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि साबित होगी।
इस अवसर पर पर्यटन मंत्री अरविंद शर्मा, स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, वित्तायुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा, अंत्योदय विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव जी अनुपमा, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के महानिदेशक के.एम. पांडुरंग, राजस्व विभाग के विशेष सचिव यशपाल सिंह और मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव प्रवीण आत्रेय सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
