नई नीति में आरक्षित प्लाट का आकार 50 से 125 वर्ग मीटर और फ्लैट का आकार 200 से 400 वर्ग फीट तय किया गया है। साथ ही, कीमतें भी स्पष्ट रूप से निर्धारित की गई हैं। EWS प्लाट की कीमत 600 रुपये प्रति वर्ग मीटर और फ्लैट की कीमत डेढ़ लाख रुपये (या 750 रुपये प्रति वर्ग फीट) होगी। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी और संचालन हाउसिंग फॉर ऑल विभाग करेगा।
डेवलपर्स अपने ईडब्ल्यूएस हिस्से के प्लाट और फ्लैट विभाग को सौंपेंगे, जो योग्य आवेदकों को आवंटित किए जाएंगे। आवंटन पूरी तरह पारदर्शी बनाने के लिए विज्ञापन, स्क्रीनिंग और लॉटरी प्रक्रिया का उपयोग किया जाएगा। आवेदकों से 10 हजार रुपये पंजीकरण शुल्क लिया जाएगा, जो चयन होने पर अंतिम भुगतान में समायोजित होगा। असफल आवेदकों को यह राशि दो माह के भीतर ब्याज समेत लौटाई जाएगी।
ईडब्ल्यूएस आवास को पांच साल तक बेचना या ट्रांसफर करना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। नियम तोड़ने पर 100 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा, आधार कार्ड और परिवार पहचान पत्र आधारित एकीकृत डेटाबेस के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी व्यक्ति या परिवार को एक से अधिक आवंटन न मिले।
हाउसिंग फॉर ऑल विभाग कम आय वाले परिवारों, प्रवासी मजदूरों और कामकाजी वर्ग को किराये पर भी मकान उपलब्ध कराएगा। डेवलपर्स को उनके ईडब्ल्यूएस हिस्से के बदले तीन महीने के भीतर भुगतान किया जाएगा, और देरी होने पर 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी दिया जाएगा। यदि किसी कारणवश EWS लाभार्थी नहीं मिलते, तो मकान तीसरी बार सामान्य वर्ग के लोगों को ई-ऑक्शन के माध्यम से बेचा जाएगा।
