Haryana: हरियाणा के इन 3 जिलों में बढ़ेगी रेल कनेक्टिविटी, इस जगह बनेगी डबल टनल

 
Haryana: हरियाणा के इन 3 जिलों में बढ़ेगी रेल कनेक्टिविटी, इस जगह बनेगी डबल टनल
Haryana: हारियाना से बड़ी खबर सामने आ रही है। हरियाणा में रेल कनेक्टिविटी को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। हरियाणा रेल अवसंरचना विकास निगम (HRIDC) के अध्यक्ष एवं मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने राज्य की प्रमुख रेल परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। 

जानकारी के मुताबिक, इस दौरान बताया गया कि हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरपोरेशन (HORC) परियोजना के तहत गुरुग्राम जिले में अरावली की पहाड़ियों के बीच एक अत्याधुनिक डबल टनल का निर्माण किया जा रहा है। Haryana News

मिली जानकारी के अनुसार, यह डबल टनल क्षेत्र की सबसे बड़ी यात्री रेल सुरंगों में शामिल होगी। करीब 25 मीटर ऊंची इस सुरंग से एक साथ 2 ट्रेनें गुजर सकेंगी। सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2026 तक इस परियोजना को पूरा कर लिया जाए। टनल के बन जाने से पलवल, नूंह और सोनीपत के बीच रेल मार्ग से सीधी कनेक्टिविटी उपलब्ध हो सकेगी, जिससे यात्री और माल परिवहन दोनों को लाभ मिलेगा।

खुदाई पूरी हो चुकी Haryana News

जानकारी के मुताबिक, समीक्षा बैठक में बताया गया कि सुरंग निर्माण कार्य संतोषजनक गति से आगे बढ़ रहा है। फिलहाल 8 सक्रिय फेस पर काम चल रहा है, जबकि 2 अतिरिक्त फेस विकसित किए जा रहे हैं। न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड से बनाई जा रही कुल 7,200 मीटर लंबी सुरंग में से अब तक 3,773 मीटर खुदाई पूरी हो चुकी है, जो कुल लंबाई का 52 प्रतिशत से अधिक है।

अंतिम चरण में Haryana News

मिली जानकारी के अनुसार, बैठक में कुरुक्षेत्र एलिवेटेड ट्रैक परियोजना की प्रगति पर भी चर्चा हुई। बताया गया कि वायाडक्ट से जुड़े सिविल, ट्रैक, सिग्नलिंग, टेलीकम्युनिकेशन और ओवरहेड इलेक्ट्रिफिकेशन के कार्य पूरे हो चुके हैं। एलिवेटेड प्लेटफार्म का निर्माण अंतिम चरण में है और शीघ्र ही उत्तरी रेलवे तथा रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा निरीक्षण किया जाएगा। Haryana News

जानकारी के मुताबिक, इसके अलावा, ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना, जो सोनीपत से पलवल तक प्रस्तावित है, उसके संरेखण को उत्तर प्रदेश की स्टीयरिंग समिति से मंजूरी मिल चुकी है। परियोजना का व्यवहार्यता अध्ययन उन्नत चरण में है। बैठक में यह भी बताया गया कि मानेसर-पातली खंड और मारुति रेलवे यार्ड पहले ही चालू हो चुके हैं, जिससे राजस्व प्राप्ति शुरू हो गई है। भूमि मुआवजा वितरण में भी उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है।