Haryana News:  हरियाणा का मक्का बिहार खाएगा, इस कंपनी से हुआ समझौता

 
Bihar will consume corn from Haryana, agreement has been made with this company

 

 
Haryana News: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने मक्का की उच्च गुणवत्ता युक्त उन्नत हाईब्रिड किस्म एचक्यूपीएम-29 का ग्लोबल एग्रो साइंस प्राइवेट लिमिटेड पटना (बिहार) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित उन्नत किस्मों का बीज ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचे इसके लिए निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ समझौते किए जा रहे हैं।

उपरोक्त समझौते के तहत विश्वविद्यालय द्वारा विकसित एचक्यूपीएम-29 का बीज तैयार करके ग्लोबल एग्रो साइंस प्राइवेट लिमिटेड किसानों तक पहुंचाएगी ताकि उन्हें उन्नत किस्म का विश्वसनीय बीज मिल सके और उनकी पैदावार में भी इजाफा हो सके।


इस कंपनी से हुआ समझौता

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय का ग्लोबल एग्रो साइंस प्राइवेट लिमिटेड पटना (बिहार) के साथ समझौता हुआ है। कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर विश्वविद्यालय से अनुसंधान निदेशक डॉ राजबीर गर्ग तथा ग्लोबल एग्रो साइंस प्राइवेट लिमिटेड पटना (बिहार) से डॉ. सीतांशु कुमार ने हस्ताक्षर किए।


एचक्यूपीएम-29 किस्म की विशेषताएं:
अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने बताया कि एचक्यूपीएम 29 उच्च क्वालिटी मक्का की एकल संकर किस्म है, जो चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र, करनाल द्वारा विकसित की गई है। इस किस्म को भारत सरकार द्वारा हाल ही में भारत के उत्तरी पहाड़ी क्षेत्रों (जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड का पहाड़ी क्षेत्र, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा, नागालैंड, मणिपुर व अरूणाचल प्रदेश) के लिए अनुमोदित किया गया है। यह किस्म न केवल पैदावार की दृष्टि से बेहतर है (71.6 क्विंटल/हैक्टेयर) बल्कि मक्का की मुख्य बीमारियों व कीटों के भी अवरोधी है। उच्च क्वालिटी होने के कारण यह खाने व फीड के लिए सर्वोत्तम पाई गई है। यह किस्म मनुष्यों व पशुओं में कुपोषण दूर करने में मददगार साबित हो सकती है।


इस किस्म को विकसित करने में इन वैज्ञानिकों का रहा अह्म योगदान
इस किस्म को विकसित करने में डॉ. मेहर चन्द कम्बोज, प्रीति शर्मा, कुलदीप जांगिड, सांइ दास, नरेन्द्र सिंह, ओपी चौधरी, हरबिन्दर सिंह, प्रशांत कुमार, नमिता सोनी व सोमवीर का अह्म योगदान रहा।  

इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. पवन कुमार, कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ एस.के. पाहुजा, मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. राजेश गेरा, स्नातकोत्तर शिक्षा अधिष्ठाता, डॉ. केडी शर्मा, विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह मंडल, सस्य विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव, बीज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अध्यक्ष डॉ. वीरेन्द्र मोर, आईपीआर सेल के प्रभारी डॉ योगेश जिंदल, डॉ. रेणु मुंजाल, डॉ. अनुराग, डॉ. जितेन्द्र भाटिया, डॉ. देवव्रत, डॉ. लक्ष्मी, डॉ. पम्मी कुमारी व डॉ. सुनील गोयल उपस्थित रहे।