Haryana: हरियाणा में बड़ा भ्रष्टाचार, पूर्व प्रिंसिपलों समेत 10 पर केस दर्ज
 
Case filed against 10 including former principals in Haryana
Haryana: हरियाणा में विजिलेंस और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। टीम ने राजकीय पीजी कॉलेज अंबाला कैंट में सरकारी खरीद नियमों के उल्लंघन, सरकारी धन के गबन और फर्जीवाड़ा सहित अन्य गंभीर आरोपों में तत्कालीन प्रिंसिपल, सहायक प्रोफेसर और वेंडरों सहित कुल 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आपको बता दें कि विजिलेंस और ACB अंबाला रेंज के पुलिस उपाधीक्षक ओम प्रकाश की तहरीर पर यह मामला 14 नवंबर को ACB द्वारा दर्ज किया गया। 

इन मृतकों के नाम भी शामिल 

जानकारी के अनुसार इस मामले में तत्कालीन प्राचार्य अरुण जोशी, पूर्व प्राचार्य खुशीला, वर्तमान प्राचार्य देशराज बाजवा, सहायक प्रोफेसर इतिहास अतुल यादव, सहायक प्रोफेसर भूगोल अजय चौहान, सहायक प्रोफेसर अंग्रेजी मुनीष त्रिगठिया, वेंडर राकेश कालरा, राकेश कुमार, आशीष और प्रिंसिपल संजय कुमार का नाम है, जिनकी मृत्यु हो चुकी है।

इन सभी पर बीएनएस की धाराओं में आपराधिक षड्यंत्र, लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी, जाली दस्तावेजों को असली के रूप में इस्तेमाल करने जैसे आरोप लगे हैं। वहीं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भी अरोप लगाया गया है। इस मामले की शिकायत करनाल निवासी रमेश अहलावत ने एसीबी को 5 जून 2024 को ईमेल के माध्यम से भेजी थी। ऐसे में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा गठित एक तथ्य-खोज समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर जांच के आदेश दिए गए।

कमेटी ने जांच के बाद लगाए ये आरोप 

जांच में सामने आया कि खरीद और बिलिंग में भी धोखाधड़ी की गई है। खरीद बिलों में फर्जी जीएसटी नंबर और एचएसएन कोड का उपयोग किया गया। वहीं नियमों का उल्लंघन करते हुए सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पोर्टल के माध्यम से खरीद नहीं की गई। 

इसके अलावा सरकारी धन का गबन भी किया गया। साल 2021 से खरीद और निर्माण कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार कर 2 करोड़ रुपये का दुरुपयोग किया गया। वहीं कॉलेज परिसर के अंदर लोक निर्माण विभाग के बजाय अपने स्तर पर कमरों व भवन का निर्माण किया गया।

GST नंबर या तो गलत थे या उनका पता गलत था

कमेटी ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला कि वेंडरों के जीएसटी नंबर या तो गलत, पता न मिलने वाला या अमान्य पाया गया। समिति ने इसे बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी व गबन की संभावना मानते हुए मामले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी से कराने की सिफारिश की थी। सरकार के मुख्य सचिव ने एसीबी को मामले की जांच करने का निर्देश दिया। दर्ज मामले की आगे की जांच महिला निरीक्षक नन्ही देवी को सौंपी गई है।