Haryana: हरियाणा में अवैध कब्जाधारकों की हुई मौज, इन लोगों को मिलेगी पक्की रजिस्ट्री, इतना देना होगा पैसा

इस संबंध में ग्राम पंचायतों द्वारा आवेदन पत्र जारी किए गए हैं, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि भूमि को अपने नाम करवाने के लिए आवेदक को वर्ष 2004 के कलेक्टर रेट का 1.5 गुना राशि ग्राम पंचायत को अदा करनी होगी। यह राशि ग्राम पंचायत विभाग हरियाणा की अनुमति से विकास एवं पंचायत विभाग को भेजी जाएगी।
आवश्यक शर्तें और प्रक्रिया
आवेदन पत्र के अनुसार, यह सुविधा केवल उन्हीं मकानों पर लागू होगी जो वर्ष 2004 से पूर्व पंचायत की भूमि पर बने हुए हैं। आवेदक को प्रार्थना-पत्र भरकर ग्राम सचिव को जमा कराना होगा।
आवेदन के साथ संलग्न किए जाने वाले मुख्य दस्तावेज़:
वर्ष 2004 से पूर्व के प्रमाण: मकान में लगे बिजली या पानी के कनेक्शन के बिल।
भूमि रिकॉर्ड: गिरदावरी रिपोर्ट, जमाबंदी (वर्ष 2004 और नवीनतम) और मिसलवारी।
नक़्शा: मकान का नक्शा (अक्स सिजरा) और मौके पर खींचे गए फोटोग्राफ।
पहचान प्रमाण: आधार कार्ड/वोटर कार्ड आदि।
प्रार्थी को फॉर्म में मकान की खसरा संख्या, भूमि का कुल क्षेत्रफल, और नियमित कराए जाने वाले क्षेत्र का स्पष्ट उल्लेख करना होगा। यह योजना उन निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जो दशकों से अनिश्चितता में जी रहे थे, और अब वे मामूली शुल्क चुकाकर अपनी आवासीय भूमि का कानूनी मालिकाना हक प्राप्त कर सकेंगे।
इस पहल से एक ओर जहाँ ग्रामीण आबादी को सुरक्षा मिलेगी, वहीं दूसरी ओर पंचायतें भी अतिरिक्त राजस्व जुटा सकेंगी। गाँव के निवासियों से अनुरोध किया गया है कि वे सभी आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ जल्द से जल्द ग्राम पंचायत में आवेदन जमा करें।