तीन नए अफसर बने IAS
हाल ही में जिन तीन HCS अधिकारियों को IAS प्रमोशन मिला है, उनमें 2002 बैच के महावीर प्रसाद, 2003 बैच के रिटायर्ड अमरदीप सिंह, और 2004 बैच की डॉ. शुभिता ढाका शामिल हैं। इन अफसरों को क्रमशः 2017 और 2018 बैच अलॉट किया गया है।
महावीर प्रसाद को पांच वर्ष की सीनियरिटी दी गई है और वे अब 2017 बैच में सबसे सीनियर अफसर बन गए हैं। इसके चलते पहले इस सूची में ऊपर रहे महेंद्रपाल का स्थान नीचे हो गया है।
इसी प्रकार, अमरदीप सिंह को भी 2017 बैच मिला है और वे चौथे स्थान पर आ गए हैं, जिससे सुशील कुमार एक पायदान नीचे खिसक गए हैं। वहीं डॉ. शुभिता ढाका को 2018 बैच मिला है और वे उस बैच में सबसे जूनियर IAS अफसर होंगी।
रिटायर्ड अफसरों को भी प्रमोशन का लाभ
रिटायरमेंट के बाद सेवा में शामिल होने वाले अफसर अब 60 वर्ष की आयु तक नौकरी कर सकेंगे, जबकि हरियाणा में सामान्य सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष तय है।
11 प्रमोट IAS को अब तक नहीं मिली पोस्टिंग
हरियाणा सरकार ने अगस्त 2025 में 15 HCS अफसरों को IAS पद पर प्रमोट किया था, लेकिन उनमें से 11 अफसरों को अभी तक नई पोस्टिंग नहीं मिली है। फिलहाल मुनीष नागपाल (डीसी, चरखी दादरी), महेंद्रपाल (रजिस्ट्रार, कोऑपरेटिव सोसाइटी), सतपाल शर्मा (डीसी, पंचकूला) और सुशील कुमार (प्रशासक, HSVP हिसार) पर तैनात हैं।
2018 बैच के अफसरों में वर्षा खंगवाल, वीरेंद्र सिंह सहरावत, सत्येंद्र दूहन, मनिता मलिक, सतबीर सिंह, अमृता सिंह, योगेश कुमार और वंदना को अब तक पदस्थापन नहीं दी गई है। 2019 बैच के जयदीप कुमार और संवर्तक सिंह खंगवाल को भी आईएएस का दर्जा तो मिल गया है, लेकिन नियुक्ति लंबित है। वहीं 2014 बैच के सबसे सीनियर IAS विवेक पदम सिंह अब भी HCS पद पर कार्यरत हैं।
10 साल बाद मिला IAS दर्जा
एक और दिलचस्प मामला HCS सत्यपाल अरोड़ा का है, जिन्हें रिटायरमेंट के 10 साल बाद अब IAS का दर्जा मिला है। अरोड़ा 2005 बैच के IAS माने जाएंगे।
2011 की चयन सूची में उनका नाम छूट गया था, जिसके खिलाफ उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट के आदेश के बाद अब उनका प्रमोशन 2005 से प्रभावी माना गया है।
इस फैसले से अब अरोड़ा अपने नाम के आगे “IAS” उपाधि का उपयोग कर सकेंगे और उन्हें 2005 से संबंधित सभी सेवा लाभ भी मिलेंगे। उनकी सेवानिवृत्ति वर्ष 2017 के अनुसार मानी जाएगी।
