Haryana: हरियाणा में HSVP ने बदला ये नियम, अब जमीन खरीदना हुआ मुश्किल

जानकारी के मुताबिक, HSVP ने अपनी E-नीलामी प्रोसेस के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। नियमों में बदलाव करने का कारण मकान, दुकान, संस्थान और कॉमर्शियल प्रॉपर्टी के आवंदन में पारदर्शिता लाना है। मिली जानकारी के अनुसार, वहीं जो लोग इन नियमों का पालन नहीं करेंगे उनके ऊपर कार्रवाई भी की जाएगी। Haryana Property Rules
नए नियम के अनुसार, अगर कोई भी भूखंड नियमों का पालन न करे के कारण रद्द हो रहा है तो उसकी नीलामी दोबारा से 60 दिन के अंदर करना जरूरी होगा। मिली जानकारी के अनुसार, वहीं दोबारा नीलामी में नई बोली पुरानी बोली से कम भी आती है तो भी संपत्ति को सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले को दी जाएगी, लेकिन इस प्रोसेस में पुराने आवंटी की पूरा बयान राशि(EMD) जब्त कर ली जाएगी। Haryana Property Rules
जानकारी के मुताबिक, जो लोग आवंटन के नियमों का पालन नहीं करते हैं उनकी मूल होली का 10% या पुरानी और नई बोली के बीच का अंतर, इनमें से जो भी राशि कम होगी, उसे जब्त कर लिया जाएगा। इसके बाद जमा की गई राशि पर किसी तरह का कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार, वहीं इन नए नियमों में साफ तर पर कहा गया है कि अग नीलामी से ज्यादा किमत मिलती है तो नई बोली लगाने वाला पूरा भूगतान कर देता है को HSVP पहले बोी लगाने वाले की जमा राशि वापस करेगा। Haryana Property Rules
मिली जानकारी के अनुसार, वहीं पहले साल के अंदर 15% एक सो दो साल के बीच 25%, दो से तीन साल के बीच 35% तीन साल के बाद आवंटन के पासे का 50% औत तीन साल के बाद प्रॉपर्टी छोड़ने पर आवंटन मूल्य का 50% तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है। Haryana Property Rules
जानकारी के मुताबिक, वहीं 10% आगामी राशि जमा करने के बाद, आवंटियों को 30 दिन के अंदर अतिरिक्ट 15% का भुगतान करना होगा। इसके बाद बची हुई 75% राशि 120 दिन के अंदर चुकानी होगी। मिली जानकारी के अनुसार, वहीं हाउसिंग या मल्टी-स्टोरी अपार्टमेंट के लिए शेष राशि के 120 दिन के अंदर की मोहलत दी गई है। ये नियम तब लागू होगा जब देने का दिन 13 मई 2025 तक लंबित हो। Haryana Property Rules
मिली जानकारी के अनुसार, वहीं फ्री होल्ड कॉमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदने वालों को दो तरह के ऑप्शन दिए गए हैं। पूरी राशि 120 दिन में चुकाना या 12% के ब्याज के साथ इसे 6 अर्ध वार्षिक किश्तों में देना होागा। जानकारी के मुताबिक, वहीं स्कूल, अस्पताल, और नर्सिंग होम जैसे आवंटियों को 180 दिन का समय दिया जा रहा है। वह इसे 12% के ब्याज के साथ भुगतान को तीन ाल किश्तों मे बांट सकते हैं।